अशोकनगर

अशोकनगर सीट: यहां पहली बार हो रहे उपचुनाव, दल-बदल ही सबसे बड़ा मुद्दा

मध्यप्रदेश की अशोक नगर सीट मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त मानी जाती है, यानी जो भी सीएम यहां आया उसकी कुर्सी चले गई…।

अशोकनगरOct 13, 2020 / 09:02 am

Manish Gite


अशोकनगर. मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त मानी जाने वाली अशोकनगर सीट उपचुनाव होने से फिर चर्चा में है। 63 साल पुरानी इस सीट पर पहली बार उपचुनाव हो रहा है। इसमें रोजगार के मुद्दे के साथ दल-बदल बड़ा फैक्टर है।

 

भाजपा-कांग्रेस की सभाओं में यह मुद्दा छाया हुआ है। मतदान के लिए 22 दिन शेष हैं, लेकिन रोजगार सहित मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे लोगों में दोनों ही पार्टियों के नेताओं से शिकायत है।

 

ग्रामीणों का कहना है कि हर बार पेयजल की समस्या से मुक्ति दिलाने के वादे होते हैं, लेकिन चुनाव बाद सब भूल जाते हैं। जिला अस्पताल में इलाज नहीं मिलता। ग्रामीण संतराम यादव का कहना है कि कांग्रेस ने पूरा कर्ज माफ नहीं किया। सिंचाई के लिए ट्रांसफार्मर की योजना बंद कर दी। महेंद्र जैन ने कहा, रेलवे क्रॉसिंग बंद कर एफओबी बनाकर शहर को दो हिस्सों में बांट दिया, उसमें भी पैदल लोगों को निकलने जगह नहीं है।

 

अशोकनगर को मुख्यमंत्रियों के लिए अभिशप्त माना जाता है। 6 सीएम प्रकाशचंद सेठी, श्यामाचरण शुक्ल, वीरेंद्र सखलेचा, अर्जुनसिंह, सुंदरलाल पटवा और दिग्विजय सिंह यहां आए और लौटने के कुछ ही समय बाद उनकी कुर्सी छिन गई।

 

पिछले नतीजे
वर्ष विजेता

2018 जजपाल सिंह
2013 गोपीलाल जाटव
2008 लड्डूराम कोरी
2003 जगन्नाथ सिंह

 

मतदाता

ओबीसी 76000
सामान्य 62000
अजा 41000
अजजा 8000
मुस्लिम 9000

 

जजपाल सिंह और आशा में मुकाबला

उपचुनाव में भाजपा की ओर से जजपाल सिंह जज्जी हैं। कांग्रेस ने आशा दोहरे को प्रत्याशी बनाया है। शिवराज सहोदरी-राजपुर में सभाएं कर चुके हैं। वहीं कमलनाथ राजपुर में जनसभा को संबोधित कर चुके हैं।

 

अशोकनगर से अरविंद जैन की रिपोर्ट

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