यहां रोज 40 क्विंटल आटा, 40 क्विंटल सब्जी, 60 क्विंटल चावल व 30 क्विंटल दाल और 200 कैन तेल लग रहा है। कथास्थल पर चल रही भोजनशाला में रोज इतनी सामग्री से भोजन तैयार हो रहा है और इसे बनाने के लिए 400 कर्मचारी लगे हुए है। यहां पर रोज सवा लाख लोग खाना खा रहे हैं। इससे सुबह से लेकर देर रात तक भोजनशाला में लोगों की भीड़ जारी रहती है।
शहर की नवीन कृषि मंडी में चल रही बागेश्वरधाम प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री की श्रीमद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को भोजन की भी व्यवस्था की गई है। भोजन व्यवस्था प्रभारी नवल गुप्ता के मुताबिक सुबह से तीन बजे तक खिचड़ी और शाम चार बजे श्रद्धालुओं को सब्जी-पूडी दी जाती हैं। साथ ही बूंदी व सेव भी बनाए जाते हैं। जिसमें आटा, सब्जी, चावल व दाल के अलावा रोज तीन क्विंटल मसाले व एक क्विंटल नमक का इस्तेमाल होता है। 200 कैन तेल में 50 कैन डालडा व 20 कैन घी शामिल है। वहीं भोजन वितरण के लिए 200 सेवादार सुबह व 200 सेवादार शाम को ड्यूटी दे रहे हैं। इससे सुबह 5 बजे से शुरू हुआ भोजन तैयार करने का दौर रोज देर शाम तक जारी रहता है।
भीड़ बढ़ी तो बिगड़ी बैठक व्यवस्था
भोजनशाला में एक साथ पांच हजार लोगों को बिठाकर खाना खिलाने की व्यवस्था की गई थी, इसके लिए टेबिल-कुर्सियां लगाई गई थीं। लेकिन भीड़ बढ़ी तो बिठाकर खाना खिलाने की व्यवस्था फैल हो गई और लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा था। इससे अब पत्तलों में सब्जी-पूडी दी जा रही हैं और ट्रैक्टर-ट्रालियों से बूंदी व सेव की पैकेट श्रद्धालुओं को वितरित की जा रही हैं। भोजनशाला प्रभारी नवल गुप्ता ने बताया कि रोज सवा लाख लोगों की भोजन व्यवस्था की जा रही थी, रविवार को 1.70 लाख लोगों के लिए खाना की व्यवस्था की गई।
भोजनशाला में ड्यूटी देने खुद पहुंच रहे शहरवासी
भोजनशाला में ड्यूटी देने के लिए शहरवासी खुद पहुंच रहे हैं। जैन मिलन के क्षेत्रीय अध्यक्ष नरेश जैन के नेतृत्व में रविवार को पारस जैन मिलन, सेंट्रल जैन मिलन व जैन मिलन के 150 कार्यकर्ताओं ने भोजन वितरण में ड्यूटी दी। वहीं ट्रक व ट्रांसपोर्ट संघ भी रोज सुबह 7 से 10 बजे तक 200 लीटर दूध की चाय व 12 क्विंटल का पोहा वितरित कर रहा है।