जिला अस्पताल ने रचा इतिहास: पहली बार स्तन कैंसर का ऑपरेशन, ग्वालियर की महिला 6 माह से थी पीडि़त, डॉक्टरों ने ढ़ाई घंटे में कर दिया ऑपरेशन
जिस जिला अस्पताल से हड्डी के छोटे ऑपरेशन के लिए भी मरीज को बाहर रैफर कर दिया जाता था, वहां सरकारी डॉक्टरों ने स्तन कैंसर का सफल ऑपरेशन किया। पांच डॉक्टरों की टीम ने ढ़ाई घंटे में यह ऑपरेशन किया।
अशोकनगर. जिस जिला अस्पताल से हड्डी के छोटे ऑपरेशन के लिए भी मरीज को बाहर रैफर कर दिया जाता था, वहां सरकारी डॉक्टरों ने स्तन कैंसर का सफल ऑपरेशन किया। पांच डॉक्टरों की टीम ने ढ़ाई घंटे में यह ऑपरेशन किया। महिला की स्थिति सामान्य बताई जा रही है, लेकिन एहतियात के तौर पर 24 घंटे के लिए उसे आईसीयू में रखा गया है।
ग्वालियर निवासी 55 वर्षीय गीता पत्नी दीपसिंह छह माह से स्तन कैंसर से पीडि़त थी। जिसे प्राइवेट अस्पतालों ने ऑपरेशन का खर्च एक से डेढ़ लाख रुपए बताया, तो महिला को परिजन जिला अस्पताल में लेकर आए। जहां सीएमएचओ स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉ.नीरजकुमार छारी ने स्थिति देख बुधवार को जिला अस्पताल में ही ऑपरेशन किया और स्तन व गिल्टियां(कांख) निकालीं। ऑपरेशन में डॉ.हर्षिता पाठक शुक्ला व डॉ.दीपक जैन ने सहयोग किया। डॉ.मुकेश गोलिया व डॉ.कृतान शुक्ला ने एनेस्थीसिया दिया। नर्सिंग स्टाफ में दिव्या तिवारी व संध्या वाहेश्वर शामिल रहीं। डॉ.नीरजकुमार छारी ने बताया कि कैंसर एडवांस स्टेज में पहुंच गया था, जो गिल्टियों तक फैल गया था, लेकिन ऑपरेशन सफल रहा। जांच रिपोर्ट आने पर यहीं पर कीमोथैरेपी दी जाएगी और फिर रेडियोथैरेपी के लिए इंदौर भेजा जाएगा।
हाईरिस्क में थी महिला, इसलिए कठिन था ऑपरेशन-
16 मई से जिला अस्पताल में कलेक्टर ने कैंसर ओपीडी शुरु कराई है, पहले ही दिन ओपीडी में परिजन महिला को लेकर आए थे। जिसे शुगर व बीपी की भी समस्या थी तो पहले शुगर व बीपी को कंट्रोल किया गया और ओपीडी शुरु होने के 10वे दिन ही ऑपरेशन किया गया। शुगर-बीपी कंट्रोल करने के लिए डॉ.मनीष चौरसिया भी साथ में रहे। कैंसर सर्जन ने बताया कि लगातार ढ़ाई घंटे तक पूर्ण बेहोश रखना था, जिसमें एनेस्थीसिया देने वाले डॉक्टरों की भी मुख्य भूमिका रही।
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