कलेक्टर की नाराजगी के बाद खरीदी केंद्र पर खरीद शुरू हो सकी। वहीं शनिवार को अंतिम दिन होने से शाम पांच बजे तक किसानों को टोकन बांटे गए और रात 12 बजे तक तौल होने के बाद तौल पर्चियां भी कराई जाना थी। लेकिन खरीदी केंद्रों पर किसानों की भीड़ देखकर अधिकारी परेशान दिखाई दिए।
क्योंकि रात 12 बजे पोर्टल बंद होना था। सबसे ज्यादा भीड़ शाढ़ौरा के तीन खरीदी केंद्रों पर रही, जहां पर 200 से ज्यादा ट्र्राली चना शाम तक केंद्रों पर रखा मिला। इससे अधिकारी उसे तुलवाने के लिए केंद्रों पर घूमते नजर आए। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एमएस राठौर ने बताया कि रात 12 बजे तक जिन किसानों की फसल तुलने के बाद तौल पर्ची नहीं निकल पाई, उनकी फसल बिकी नहीं मानी जाएगी। इससे बाद में शासन से उन तौल पर्चियों को फीड करने की अनुमति मांगी जाएगी।
250 किसानों की फसल तो बिकी, लेकिन तौल पर्ची नहीं
सात जून को पोर्टल बंद होने से उस दिन बिकी करीब 250 किसानों की फसलों की तौल पर्ची अब तक नहीं निकल पाई है। खरीदी केंद्रों ने फसल तो खरीद ली और उन्हें हाथ से लिखी कच्ची तौल पर्ची भी पकड़ा दी, लेकिन पोर्टल से तौल पर्ची नहीं निकल रही। खाद्य विभाग का कहना है कि शासन को इस समस्या की जानकारी दी जा रही है, ताकि उन किसानों की पर्ची निकल सकें। कालाबाग खरीदी केंद्र पर समिति प्रबंधक नहीं पहुंचा, किसानों ने शिकायत की तो कलेक्टर ने सीसीबी के जीएम को लगाया फोन।