साथ ही आदर्श विवाह सम्मेलन कर समाज की 40 साल पुरानी परंपरा को निर्वहन किया।
ज्ञानोदय दिवस के अवसर पर संत नामदेव महाराज की आकर्षक झांकी सजाकर शहर में शोभायात्रा निकाली, शोभायात्रा शहर के सभी प्रमुख मार्गों से होती हुई वापस वेदांत भवन स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंची। जिसमें समाज के सभी लोग विशेष डे्रस में शामिल हुए।
पुरुष श्वेत वस्त्र पहनकर और लाल पगढ़ी बांधकर शामिल थे। वहीं शोभायात्रा के समापन तक महिलाएं भजनों की धुन पर नाचते-गाते हुए चल रही थीं। शहर में जगह-जगह नामदेव महाराज की लोगों ने आरती की और शोभायात्रा में शामिल समाजजनों को स्वागत किया।
वेदांत भवन में आयोजित कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इससे दिनभर बसंत उत्सव और ज्ञानोदय दिवस का कार्यक्रम जारी रहा। साथ ही समाज के वृद्धजनों का सम्मान भी किया गया। समाज के प्रवक्ता गोपाल नामदेव ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन नामदेव समाज समिति और नामदेव युवा परिषद ने संयुकत रूप से किया।
40 साल से चल रही विवाह सम्मेलन की परंपरा-
शहर में नामदेव समाज द्वारा बसंत पंचमी के दिन आदर्श विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाता है और इस परंपरा को 40 वर्ष हो गए। समाज के लोगों ने बताया कि इस दिन सम्मेलन के आयोजन के लिए जोड़ों की संख्या निर्धारित नहीं की जाती है।
इसलिए भले ही एक जोड़े की शादी की जाए, लेकिन परंपरा का निर्वहन किया जाता है। रविवार को भी एक जोड़े की इस सम्मेलन में शादी हुई। साथ ही दूल्हा-दुल्हन को बग्घी में बिठाकर शोभायात्रा के साथ शामिल किया गया। ताकि समाज को मंहगे खर्चों से बचने की सीख मिल सके।
कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष रमेश कुंजीवाल, उपाध्यक्ष राजेंद्र सोपरा, संगठन सचिव रमेशचंद्र, सचिव आनंदीलाल, कोषाध्यक्ष हरिओम सहित भारी संख्या में समाज के महिला पुरुष उपस्थित थे।