मुख्यमंत्री और उनका काफि ला जिन बिजली लाइनों के नीचे से निकलेगा उनमें से कुछ की उंचाई कम है जबकि सुरक्षा की दृष्टि के लिए लगाई जाने वाली गार्डिंग भी नहीं है। बिजली कंपनी के सूत्रों की मानें तो नियमानुसार 33 केवी, लाइन की उंचाई जमीनी सतह से लगभग 26 फि ट जबकि 11 केवी, लाइन की उंचाई 24 फि ट होना चाहिए। लेकिन एक स्थान पर हाइटेंशन लाइन की उंचाई सड़क की उंचाई बडऩे के कारण कम हो गई है।
सुरक्षा में चूक का यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी इस तरह का एक मामला और सामने आ चुका है। हालांकि, उस समय का मामला तात्कालिक उर्जा राज्य मंत्री क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से जुड़ा हुआ था। बताते हैं कि रूसल्ला बुजुर्ग गांव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हेलीकाप्टर से पहुंचना था। लेकिन जिम्मेदारों ने हेलीकाप्टर लेंडिंग के लिए हेलीपेड पेड़ और हाइटेंशन लाइन के पास बना दिया। बताते हैं कि हवा के कारण पायलेट ने हेलीकाप्टर लेंड करने में परेशानी दिखाई। इसके बाद बबूल का पेड़ काटकर, हाइटेंशन लाइन को उतारा गया तब कहीं जाकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का हेलीकाप्टर रूसल्ला बुजुर्ग गांव में उतर सका था।
-कई स्थानों पर इससे भी कम उंचाई वाले तार हैं। वहां से हर रोज यात्री बसें निकलती हैं। मुख्यमंत्री जी इस हेलीपेड से सभास्थल तक का सफ र कार से तय करेंगे। इसलिए उंचाई की कोई समस्या नहीं है। जहां तक गार्डिंग का सवाल है तो उस समय बिजली बंद करा दी जाएगी। -दिलीप बिगोनिया, ईई पीडब्लूडी अशोकनगर