तीनों सड़कों पर पुलियां भी अधूरी पड़ी हुई हैं। रास्ते की पुलियों का निर्माण पूर्ण न होने से वाहनों को निकालने के लिए पुलियों के पास कच्चे अस्थाई बायपास बनाए गए हैं। जबकि जबकि रंगपंचमी मेले में इस बार करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है, मेले के दौरान हजारों की संख्या में वाहनों से श्रद्धालु पहुंचते है।
कलेक्टर ने इन तीनों सड़कों का निर्माण 26 फरबरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस समयसीमा को मात्र तीन दिन ही शेष हैं, फिर भी निर्माण एजेंसियां कलेक्टर के निर्देश पर गंभीरता दिखाती नजर नहीं आ रही हैं।
– पेयजल व्यवस्था के लिए दो नए ट्यूबवेल खनन कराए गए हैं, जिनमें विद्युत पम्प डालकर पानी निकासी की व्यवस्था होना शेष है।
– 10-10 हजार लीटर की आठ टंकियां एक स्ट्रेकचर पर सेट की गईं हैं, जहां से 80 हजार लीटर पानी की व्यवस्था रहेगी।
– तीन मंजिला डे शेल्टर बनकर तैयार हो चुका है, जिसमें तीन से चार हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
– करीला की पुरानी रेलिंग और मंदिर के सामने के शेड को हटाकर नया आकर्षक शेड लगाया गया है।
– श्रद्धालुओं को बैठने के लिए आकर्षक हट बनाए गए हैं, साथ ही सीढ़ी नुमा चबूतरे का भी निर्माण किया गया है।
– मंदिर की दीवार पर मूर्तिनुमा तस्वीरों के माध्यम से मां जानकी और लव-कुश की गाथा का चित्रण किया गया है।
ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में कई जाने वाली सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। दो नए ट्यूबवेल खनन कराए हैं, जिनमें अच्छा पानी निकला है। आज विद्युत पम्प लगाए जाएंगे।
– महेंद्रसिंह यादव, अध्यक्ष मां जानकी मंदिर ट्रस्ट करीला