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अशोकनगर

तीन में से दो सड़कों का निर्माण अधूरा, जिनमें एक पर तो डामर ही शुरू नहीं

करीला मेला: रंगपंचमी मेले को 18 दिन शेष, मेले में आएंगे 15 लाख श्रद्धालु।- सड़कों के अधूरे निर्माण बनेंगे करीला पहुंचने के रास्ते मे श्रद्धालुओं की परेशानी, कलेक्टर के निर्देश पर भी गंभीर नहीं ठेकेदार।

अशोकनगरFeb 26, 2020 / 07:07 am

Arvind jain

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अशोकनगर. रंगपंचमी मेले के लिए कलेक्टर ने भले ही करीला की तीनों सड़कों का 26 फरबरी तक निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिए। लेकिन हकीकत में तीन में से दो सड़कों का निर्माण अधूरा है और इनमें से एक सड़क पर तो अभी डामरीकरण भी शुरू नहीं हुआ। इससे करीला पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
करीला के पहुंच मार्गों में लंबे समय से उखड़े पड़े बंगलाचौराहा-बामौरीशाला सड़क का निर्माण चल रहा है, सड़क पर डामरीकरण किया जा रहा है। हालांकि बामौरीशाला तक दो किमी का हिस्सा शेष है, जो मेले से पहले तक पूर्ण हो सकती है। वहीं बेलई-करीला मार्ग पर सीसी रोड का कार्य भी अधूरा है, जिसका निर्माण अभी दंगल्या गांव तक होने वाला है।
और मेले तक 17 किमी में से सड़क के 10 किमी हिस्से में सड़क का निर्माण होने की संभावना है, सड़क का शेष सात किमी हिस्सा अधूरा रह जाएगा। जो मेले के समय आवाजाही में परेशानी बनेगा। वहीं मोलाडेम-करीला मार्ग उखड़ा पड़ा है, जिस पर गिट्टी पड़ी है और डामरीकरण अभी शुरू नहीं हुआ है। इससे मेले के दौरान श्रद्धालुओं को आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
अधूरी पुलियां भी बन सकती है परेशानी का कारण-
तीनों सड़कों पर पुलियां भी अधूरी पड़ी हुई हैं। रास्ते की पुलियों का निर्माण पूर्ण न होने से वाहनों को निकालने के लिए पुलियों के पास कच्चे अस्थाई बायपास बनाए गए हैं। जबकि जबकि रंगपंचमी मेले में इस बार करीब 15 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है, मेले के दौरान हजारों की संख्या में वाहनों से श्रद्धालु पहुंचते है।
लेकिन यह अस्थाई वायपास आवाजाही में श्रद्धालुओं को परेशानी का कारण बनेंगे। वहीं वीआईपी रोड पर कोंचा बांध के पास की क्षतिग्रस्त पुलिया की भी अभी मरम्मत पूर्ण नहीं हो पाई है, इससे यहां भी वाहनों को पुलिया के नीचे से निकालना पड़ेगा।
कलेक्टर के निर्देश पर भी गंभीर नहीं ठेकेदार-
कलेक्टर ने इन तीनों सड़कों का निर्माण 26 फरबरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इस समयसीमा को मात्र तीन दिन ही शेष हैं, फिर भी निर्माण एजेंसियां कलेक्टर के निर्देश पर गंभीरता दिखाती नजर नहीं आ रही हैं।
करीला में अब तक यह हो चुके कार्य-
– पेयजल व्यवस्था के लिए दो नए ट्यूबवेल खनन कराए गए हैं, जिनमें विद्युत पम्प डालकर पानी निकासी की व्यवस्था होना शेष है।
– 10-10 हजार लीटर की आठ टंकियां एक स्ट्रेकचर पर सेट की गईं हैं, जहां से 80 हजार लीटर पानी की व्यवस्था रहेगी।
– तीन मंजिला डे शेल्टर बनकर तैयार हो चुका है, जिसमें तीन से चार हजार लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
पर्यटन विभाग के इन कार्यों ने बदली करीला की तस्वीर.
– करीला की पुरानी रेलिंग और मंदिर के सामने के शेड को हटाकर नया आकर्षक शेड लगाया गया है।
– श्रद्धालुओं को बैठने के लिए आकर्षक हट बनाए गए हैं, साथ ही सीढ़ी नुमा चबूतरे का भी निर्माण किया गया है।
– मंदिर की दीवार पर मूर्तिनुमा तस्वीरों के माध्यम से मां जानकी और लव-कुश की गाथा का चित्रण किया गया है।

ट्रस्ट द्वारा मंदिर परिसर में कई जाने वाली सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। दो नए ट्यूबवेल खनन कराए हैं, जिनमें अच्छा पानी निकला है। आज विद्युत पम्प लगाए जाएंगे।
– महेंद्रसिंह यादव, अध्यक्ष मां जानकी मंदिर ट्रस्ट करीला

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