10वी शताब्दी की 8 फिट ऊंची प्रतिमा का विवाद: बौध्द भिक्षुओं ने किया कार्यक्रम, जैन समाज ने कहा आदिनाथ भगवान की प्रतिमा
– ग्रामीण उस प्रतिमा को बताते हैं बैठादेव, जैन समाज ने दिया ज्ञापन
Controversy of 8 feet high statue of 10th century
अशोकनगर.10वी शताब्दी की आठ फिट ऊंची प्रतिमा पर विवाद की स्थिति बनती नजर आ रही है। करीब दो दर्जन बौद्ध भिक्षुओं ने वहां पहुंचकर कार्यक्रम किया, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हुई तो जैन समाज ने नाराजगी जताते हुए कलेक्टर को ज्ञापन दिया और प्रतिमा को भगवान आदिनाथ की बताया। तो वहीं ग्रामीण इसे बैठादेव की प्रतिमा बताकर पूजा करते हैं।
मामला क्षेत्र के तूमेन गांव का है। जहां पर 10वी शताब्दी की आठ फिट ऊंची प्रतिमा चबूतरे पर विराजमान है। सोमवार को बौध्द भिक्षुओं सहित करीब एक सैंकड़ा लोगों के साथ पहुंचकर वहां कार्यक्रम किया। ग्रामीणों ने कहा कि प्रतिमा को कब्जे में लेने की वहां चर्चा हो रही थी। जानकारी मिली तो जैन समाज के करीब डेढ़ सैंकड़ा लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन दिया। साथ ही कहा कि वह प्रतिमा भगवान आदिनाथ की है और उसपर लोग कब्जा करने की तैयारी कर रहे हैं। इससे तहसीलदार व नायब तहसीलदार थाना प्रभारी के साथ तूमेन गांव पहुंचे। हालांकि उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था। इससे अधिकारियों ने सरपंच अवतारसिंह राजपूत को बुलाकर जानकारी ली।
जैन समाज ने कहा 1992 में बनवाया था समाज ने चबूतरा
जैन समाज ने ज्ञापन में कहा कि तूमेन गांव में भगवान आदिनाथ की प्राचीन प्रतिमा है। जिसे जैन समाज ने वहाँ पर पड़ा हुआ देखकर वर्ष 1992 में शहर लाने का प्रयास किया था, लेकिन ग्रामीणों ने उसे देने से इनकार कर दिया था और ग्रामीण बैठादेव के रूप में मानते हैं। इसलिए समाज ने वहीं पर चबूतरा बनवाकर मूर्ति को स्थापित कर दिया था, साथ ही टीनशेड भी कराया था। लेकिन बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा कब्जा करने का प्रयास करके अनावश्यक विवाद की स्थिति निर्मित की जा रही है। साथ ही जैन समाज ने प्रशासन से मांग की कि वह स्थल को समाज को सौंपा जाए, ताकि कोई कब्जे का दुस्साहस न कर सके।