शहर की शंकर कॉलोनी के ज्यादातर हैंडपंप सूख चुके हैं, जो चालू हैं उनमें भी बहुत कम पानी बचा है। नपा ने कॉलोनी में ट्यूबवेल खनन करवाकर पेयजल सप्लाई शुरू की, जहां ट्यूबवेल पर पेयजल सप्लाई के समय भारी संख्या में भीड़ लग जाती है और रोजाना ही कई लोग पानी भरने से वंचित रह जाते हैं। माता मंदिर रोड पर भी पानी के हालात ऐसे ही हैं, मुख्य सड़क पर लगे दोनों हैंडपंप खराब हो चुके हैं और एक हैंडपंप चालू है लेकिन पानी कम होने से बहुत कम पानी निकलता है। नपा का ट्यूबवेल यहां से करीब डेढ़ किमी दूर है, इससे लोगों को पीने का पानी डेढ़ किमी दूर से ढ़ोकर लाना पड़ रहा है। यह सिर्फ दो या तीन मोहल्ला या कॉलोनियों की बात नहीं, बल्कि शहर के आसपास की बस्तियों की है। जहां लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन इन बस्तियों तक न तो पाइप लाइन पहुंची है और नपा के हैंडपंप भी दम तोडऩे लगे हैं। जबकि इन बस्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार और मजदूर वर्ग निवास करता है, इससे उन्हें या तो पानी खरीदकर व्यवस्था करना पड़ती है या फिर दिन में मजदूरी और घरों पर पानी की व्यवस्था करने रात में दूर-दूर से पानी ढ़ोकर लाते हैं।
अब पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं रहवासी हैंडपंपों के दम तोडऩे और मोहल्लों में पेयजल की पाइप लाइन न होने से रहवासी भीषण गर्मी के मौसम में पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं। इससे लोग शहर में एक से डेढ़ किमी दूर से पानी ढ़ो रहे हैं औरघरों पर पेयजल व्यवस्था के लिए महिलाओं के साथ बच्चे भी पानी ढोने में जुटे रहते हैं। वहीं निजी टैंकर चालकों ने शहर में टैंकरों से पानी का कारोबार शुरू कर दिया है और रोजाना शहर में करीब 100 टैंकर से अधिक पानी बिक रहा है। इससे लोगों को तीन रुपए ड्रम में पानी खरीदकर घरों पर पेयजल की व्यवस्था करना पड़ रही है।
ट्यूबवेल बंद, दूर से ढो रहे हैं पानी शहर के मंदसौर मिल में करीब 150 परिवार निवास करते हैं। नपा ने एक सरकारी ट्यूबवेल खनन कराया था। लेकिन करीब चार दिन पहले किसी असामाजिक तत्वों ने लोगों की पानी की नली तो काटी हीं, ट्यूबवेल के बिजली के बोर्ड भी तोड़ दिए। इससे तीन दिन से ट्यूबवेल बंद है और रहवासी दूर-दूर से पानी ढ़ोने के लिए मजबूर हैं।
पड़ौसियों के ट्यूबवेलों से खरीद रहे पानी शहर की त्रिलोकपुरी कॉलोनी में भी पेयजल के हालात खराब हैं, लोगों ने अब पाइप खरीदकर खुद ही अपने घरों तक लाइन बिछा ली है और उन्हें कॉलोनी के ट्यूबवेलों से जोड़ दिया है। इससे पाइपों के जाल बिछे हुए हैं और लोगों को निजी ट्यूबवेल संचालकों को हर महीने पैसे चुकाना पड़ रहे हैं।