किसान बोले अधिकारियों ने भी नहीं दिया ध्यान-
किसानों का आरोप है कि उड़द बेचने के लिए कई किसानों के पास मैसेज आए तो खरीदी केंद्र ही नहीं मिले और जब केंद्र संचालकों से बात की तो किसी ने सर्वेयर के ललितपुर में होना तो किसी ने इंदौर में सर्वेयर होना बताया। लेकिन खरीदी खत्म होने को सिर्फ आज का दिन ही शेष बचा हैं और ज्यादातर खरीदी केंद्र खुले ही नहीं और न हीं केंद्रों पर सर्वेयर पहुंचे। वहीं शिकायत पर अधिकारियों ने भी कोई ध्यान नहीं दिया जो पहले तो चुनाव में व्यस्तता बताते रहे और फिर शिकायत सुनने को तक तैयार नहीं हुए। किसानों का कहना है कि मंडियों में उड़द की रेट 2700 से 2800 रुपए क्विंटल है और अब मजबूरी में उन्हें सस्ती कीमत पर मंडियों में अपनी उपज बेचना पड़ेेगी।
किसानों का आरोप: प्रशासन का रहा ढुलमुल रवैया-
किसानों का आरोप है कि उड़द की सरकारी रेट पर खरीदी कराने में प्रशासन का रवैया शुरुआत से ही ढुलमुल रहा। जो खरीदी शुरू होने की तारीख से एक महीने तक खरीदी केंद्र भी नहीं बना सका और बाद में कई दिन तक कागजों में केंद्र बनते और बदलते रहे। जिले में 19 केंद्र बनाए तो इनमें ज्यादातर सिर्फ कागजों में ही संचालित होते रहे। वहीं मात्र सात केंद्रों ने खानापूर्ति करने सिर्फ 59 किसानों से खरीदी की। जबकि गुना-अशोकनगर जिले को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में हजारों क्विंटल उड़द की खरीदी किसानों से की गई है।
– विभाग और अधिकारियों ने खरीदी शुरू होने से पहले ही अफवाह फैलाना शुरू कर दिया कि जिले में उड़द की क्वालिटी ठीक नहीं है और खरीदी नहीं हो पाएगी।
– उन्नत किस्म और अच्छी क्वालिटी के उड़द को भी रंगों के आधार पर रिजेक्ट बता दिया गया और खरीदी
– केंद्रों पर खरीदी की रिपोर्ट न्यून होने के बावजूद भी किसी भी अधिकारी ने केंद्रों का निरीक्षण कर हकीकत जानना तक मुनासिब नहीं समझा।
किसानों की इन समस्याओं पर भी अनदेखी-
– रबी सीजन में किसानों ने समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर चना-मूसर बेचे, लेकिन करीब 10 प्रतिशत
– जिले को सूखाग्रस्त घोषित कर शासन ने अक्टूबर 2017 में राहत राशि जिले को दी, 20 प्रतिशत किसानों के खातों में अब तक राशि नहीं पहुंची।
– कृषक समृद्धि योजना के तहत मनमाने तरीके से किसानों का रकबा घटा दिया, लेकिन बोनस राशि अब तक किसानों को नहीं दी।
इनका कहना है-
जिले में सरकारी खरीदी न होने से हम दो बार कलेक्टर से मिले, उन्होंने आश्वासन दिया। लेकिन किसानों का उड़द नहीं खरीदा गया, इस पर हमने शुक्रवार को अपर कलेक्टर को भी ज्ञापन देकर खरीदी कराने की मांग की। अनिल रघुवंशी, जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा
सुरेंद्र रघुवंशी, जिलाध्याक्ष किसान कांग्रेस