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अशोकनगर

3.25 लाख किसान का खाता होना है ऑनलाइन दर्ज, अभी तक 8405 खाते हुए दर्ज

किसान सम्मान निधि: योजना के पोर्टल पर किसानों की जानकारी दर्ज करने में धीमी गति बनी परेशानी।- 3.25 लाख किसान खातों में से अब तक मात्र 8405 खाते ही हो चुके ऑनलाइन दर्ज, अब किसानों से पंचायत सचिव और रोजगार सहायक भरवाएंगे योजना के फॉर्म।

अशोकनगरJun 23, 2019 / 12:09 pm

Arvind jain

kishan karj mafi 2019

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अशोकनगर. किसान सम्मान निधि योजना के लिए किसानों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करने में जिले में धीमी गति से काम चल रहा है। हालत यह है कि 22 जून तक जिले के 25 फीसदी किसान खातों को ऑनलाइन दर्ज करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन जिले में मात्र ढ़ाई फीसदी ही काम हो सका। धीमी गति को देखते हुए कलेक्टर ने अब पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों की ड्यूटी लगाई है। ताकि समय पर काम पूरा हो सके।

योजना की पहली किस्त मिली
योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपए मिलना है। जिले में कृषि भूमि के तीन लाख 25 हजार 640 खातेदार हैं, जिनकी जानकारी पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करना है, लेकिन अब तक 8405 खाते ही ही दर्ज हो सके हैं।

नतीजतन जिले में किसी भी किसान को अब तक योजना की पहली किस्त भी नहीं मिल सकी है। जबकि प्रदेश के कई जिलो के करीब 9304 किसानों को योजना की पहली किस्त मिल चुकी है। शासन ने सभी किसानों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करने के लिए 20 जुलाई तक का समय दिया है औ यदि काम इसी गति से चला तो सभी किसानों की जानकारी दर्ज करने में महीनों लग जाएंगे।

अब पंचायत सचिव और रोजगार सहायक भरवाएंगे आवेदन-
काम की धीमी गति को देखते हुए कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा और जिला पंचायत सीईओ अजय कटेसरिया ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में किसानों के आवेदन भरवाने की जिम्मेदारी पंचायत सचिवों और रोजगार सहायकों को दे दी है।

साथ ही आदेश जारी कर कहा है कि पंचायत सचिव और रोजगार सहायक अपनी पंचायत क्षेत्र के किसानों से आवश्यक दस्तावेज एकत्रित कर किसानों से निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र भरवाएंगे और आवेदन व दस्तावेज वह पटवारियों को उपलब्ध कराएंगे। वहीं पटवारी जानकारी को पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज करेंगे।
पटवारियों ने यह बताई काम में समस्याएं-
– शामिल जमीन खातों में यदि एक से अधिक लोग हैं तो सभी के हिस्से अनुसार अलग-अलग स्लाइड बनाना है और सभी के दस्तावेज भी चाहिए।
– पुरुष किसानों के दस्तावेज तो मिल जाते हैं, लेकिन ऐसी महिलाएं जो शादी के बाद दूसरी जगह रहने लगीं उनके दस्तावेज समय पर नहीं मिल पा रहे हैं।
– यदि शामिल खाते में एक भी किसान के दस्तावेज नहीं मिलते हैं तो पूरा खाता पेंडिंग में रहता है और फाइनल नहीं हो पा रहा है।
– रोजाना सॉफ्टवेयर के वर्जनों में बदलाव हो रहा है, पहले 1.3 वर्जन पर काम शुरु हुआ और अब 1.10 वर्जन पर काम चल रहा है।
– सॉफ्टवेयर का बदला हुआ वर्जन इंस्टॉल करते ही अधूरे दर्ज खातों की जानकारी सॉफ्टवेयर से डिलीट हो जाती है, इससे फिर से दर्ज करना पड़ती है।
– जो व्यक्ति खत्म हो गए हैं और फौती नामांतरण नहीं हुए, उनमें किसके दस्तावेज लेना है। यह विवादित मामला बन रहा है।
– सॉफ्टवेयर में जनवरी का डाटा लिया गया है। जनवरी से अब तक जिनके नामांतरण, बंटवारे हो गए हैं उनका रिकॉर्ड पूर्व अनुसार दिख रहा है।
योजना में लाभांवित किसानों पर एक नजर-
जिला अब तक दर्ज प्रथम किस्त प्राप्त
बड़वानी 1709 1198
दमोह 5199 4219
दतिया 83 53
गुना 253 215
ग्वालियर 72 69
हरदा 554 348
रायसेन 114 98
रतलाम 20 19
सागर 45 30
सीहोर 352 215
शाजापुर 792 574
टीकमगढ़ 90 56
उज्जैन 3603 2208
कुल 12888 9304
(आंकड़े योजना के पोर्टल अनुसार।)

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