संक्रमण को देखते हुए भीड़ बढऩे से रोकने मंडी प्रबंधन ने नई मंडी में गेहूं की खरीद कराने की योजना तैयार की और किसान गेहूं लेकर पहुंचे तो उन्हें नवीन मंडी भेज दिया, जहां किसानों अंधेरे में रुकना पड़ा तो वहीं मच्छरों की समस्या से जूझना पड़ा और पानी के लिए भी परेशान होना पड़ा। मंगलवार को हुई बैठक में व्यापारियों व अशोकनगर विधायक ने नवीन मंडी में खरीद शुरु कराने का विरोध जताया था, लेकिन जब मंडी प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया तो बुधवार को ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन ने ज्ञापन देकर विरोध जताया और नवीन मंडी में खरीद पर असमर्थता जताई।
वापस वर्तमान मंडी में बुलाया तो सड़क पर बने जाम के हालात एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन दिए जाने के बाद मंडी प्रबंधन ने किसानों को वापस वर्तमान मंडी में बुलाया। इससे किसानों के दो सैंकड़ा ट्रैक्टर-ट्रॅाली तेज स्पीड से नवीन मंडी से वर्तमान मंडी पहुंचने दौड़ लगाते दिखे और सड़क पर जाम की स्थिति बनती नजर आई। वहीं नीलामी में आगे जगह पाने कई किसान बाइक लेकर मंडी पहुंचे और अपने ट्रैक्टर-ट्रॅाली के लिए किसी ने तिरपाल बिछाकर तो किसी ने खुद जमीन पर बैठकर व बाइक अड़ाकर जगह रोकी।
नाराजगी: किसान बोले-सोच विचार करके लेना चाहिए मंडी को निर्णय किसानों का कहना है कि मंडी प्रबंधन को सोच-विचार करके निर्णय लेना चाहिए। ताकि किसानों को परेशान न होना पड़े। यदि नवीन मंडी में गेहूं की खरीद कराना थी, तो मूलभूत सुविधाएं तो करना चाहिए। साथ ही किसानों ने कहा कि पिछले साल भी नवीन मंडी में इसी तरह से समस्याओं से जूझते हुए अनाज बेचना पड़ा था और सड़क संकरी होने से आए दिन रास्ते पर ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटते थे, इससे अनाज फैल जाता था।
व्यापारियों ने यह बताई समस्या – नवीन मंडी में पीने के पानी की दूर-दूर तक कोई व्यवस्था नहीं है, किसानों के लिए टीनशेड में लाइट न होने से सुरक्षा की व्यवस्था नहीं है व रात में अंधेरा रहता है।
– नवीन मंडी में थोक सब्जी मंडी संचालित हो रही है, जिसमें प्रदेश के बाहर से भी ट्रक व मेटाडोर से सब्जियां लाई जाती हैं, इससे वहां पर कोरोना संक्रमण का डर रहता है।
– नवीन मंडी में नीलामी बोली के बाद किसानों को अनाज लेकर तौल के लिए वर्तमान मंडी में ही आना पड़ेगा, इससे समस्या होगी और दुर्घटना की आशंका रहती है।
– गेहूं 1700 से 4 हजार रुपए क्विंटल तक बिकता है, नवीन मंडी में नीलामी के बाद तौल के लिए यहां आते समय माल बदलने का डर रहता है, इससे विवाद बनते हैं।
ये बोले किसान -मंडी में पहुंचे तो गेट से ही वापस लौटाकर नवीन मंडी में भेज दिया गया। इससे रातभर से यहां मच्छरों व अंधेरे की समस्या के बीच पड़े हुए हैं, पीने का पानी भी दूर से लाना पड़ा।
भूपेंद्रसिंह यादव, किसान -मंडी से यहां पर भेज दिया गया, यहां न तो पानी है और न हीं बिजली। रातभर मच्छरों से परेशान होते रहे। पानी खरीदकर प्यास बुझाना पड़ रही है, कोई सुविधा नहीं है।
मन्नासिंह, किसान मनहेटी