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अशोकनगर

अन्नदाता की आफत-आधी रात से आने के बाद भी परेशानी ही हद, मजबूर होकर किया चक्काजाम

रात 3 बजे से ही किसान गोदाम पर पहुंच गए और लाइन लगा ली। कई घंटे इंतजार के बाद सड़क पर वाहन अड़ाकर किसान रास्ते पर ही बैठ गए, इससे तीन घंटे तक चक्काजाम चला।

अशोकनगरOct 22, 2021 / 09:31 am

Subodh Tripathi

अन्नदाता की आफत-आधी रात से आने के बाद भी परेशानी ही हद, मजबूर होकर किया चक्काजाम

अन्नदाता की आफत-आधी रात से आने के बाद भी परेशानी ही हद, मजबूर होकर किया चक्काजाम

अशोकनगर. अन्नदाताओं को इस समय काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, आधी रात को गोदाम पर पहुंचने के बाद भी उन्हें तीन तीन दिन तक खाद नहीं मिल रहा है, ऐसे में मजबूर और परेशान होकर उन्होंने गुरुवार को चक्काजाम कर दिया, जिसके बाद प्रशासन कुछ हरकत में आया, लेकिन इसके बावजूद भी किसानों को खाली हाथ लौटने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि यूं तो खाद वितरण के लिए करीब 900 टोकन बाट दिए थे, लेकिन 80 नंबर तक ही खाद का वितरण हुआ।
बोवनी की व्यवस्था के लिए मशक्कत
समय पर खेतों की बोवनी करने किसान खाद की व्यवस्था के लिए मशक्कत कर रहे हैं, स्थिति यह है कि रात 3 बजे से ही किसान गोदाम पर पहुंच गए और लाइन लगा ली। कई घंटे इंतजार के बाद सड़क पर वाहन अड़ाकर किसान रास्ते पर ही बैठ गए, इससे तीन घंटे तक चक्काजाम चला। एसडीएम की समझाइश पर माने, जब कई घंटों तक खाद नहीं मिला तो ओवरब्रिज पर ट्रैक्टर-ट्रॉली आड़ी लगा दी और फिर से चक्काजाम कर दिया।
विदिशा रोड पर चक्काजाम
किसान खाद लेने शहर की गोदाम पर पहुंच गए और सुबह तक पांच सैंकड़ा से अधिक किसान एकत्रित हो गए। बुधवार को हुए हंगामे के चलते गुरुवार को कर्मचारी देरी से आए तो किसानों ने हंगामा कर दिया और सुबह साढ़े 8 बजे विदिशा रोड पर चक्काजाम कर दिया। नायब तहसीलदार पहुंचे तो किसान नहीं मानें, बाद में एसडीएम ने कहा कि सभी सहकारी समितियों को खाद भेजा जा रहा है और सभी को वहीं से खाद मिलेगा। इससे साढ़े 11 बजे किसान सड़क से हटे। इससे ज्यादातर किसान चले गए। वहीं सहकारी समितियों ने पर्याप्त खाद न मिलने की बात कही, इससे किसान असमंजस में घूमते नजर आए।
चक्काजाम खत्म हुआ तो गोदाम पर गुरुवार को खाद वितरण किया गया। जहां टोकन 900 बांटे गए थे, लेकिन 80 नंबर तक ही खाद वितरण हुआ और गोदाम पर खाद बांटना बंद कर दिया। इससे दोपहर ढ़ाई बजे किसानों ने सेन चौराहा पहुंचकर ओवरब्रिज पर ट्रैक्टर-ट्रॉली अड़ा दी व खाली जगह रस्सी से बेरीकेट्स बांध वायपास को रोक दिया। इससे दोनों तरफ वाहनों की लाइन लग गई और ऐसा जाम लगा कि बड़े वाहनों को त्रिदेव मंदिर व राजमाता चौराहे पर रोकना पड़ा व एसडीएम रवि मालवीय को भी डेढ़ किमी दूर तक बाइक से किसानों के चक्काजाम तक पहुंचना पड़ा। हालांकि एसडीएम की समझाइश पर किसान हटे।
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1. खाद की व्यवस्था करने किसान कंबल ओढ़कर रात तीन बजे ही गोदाम पर आकर बैठ गए और सुबह साढ़े आठ बजे तक लाइन में लगे रहे।
2. खाद वितरण में भले ही टोकन सिस्टम लागू हो, लेकिन टोकन से वितरण नहीं हो रहा और 4 दिन बाद भी 900 टोकन पूरे नहीं हो पाए।
3. किसानों का कहना है कि दो-तीन दिन में फसलों की बोवनी करना है, यदि खाद नहीं मिला तो बोवनी के लिए खेतों की सिंचाई करना पड़ेगी।
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मंडी में जाम, ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को निकालने तीनों गेट खोलना पड़े
छुट्टियां खत्म होने के बाद मंडी खुली तो आवक बढ़ गई और बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से अनाज लेकर मंडी पहुंचे। इससे मंडी में जाम की स्थिति बन गई और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को निकालने मंडी के तीनों गेट खोलना पड़े। वहीं फोरलेन वायपास के एक तरफ के हिस्से पर अनाज के ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी लाइन लग गई और सड़क के दूसरे हिस्से वाहनों की आवाजाही रही, वहीं किसानों के चक्काजाम के चलते यह सड़क भी जाम हो गई। दोपहिया वाहनों को एफओबीसे निकाला गया। वायपास पर जाम में दो एंबुलेंस फंस गईं और एसपी रघुवंशसिंह भदौरिया का वाहन भी फंस गया। इससे एसपी का वाहन एफओबी के पास पहुंचा और बाद में पुलिस ने एफओबी के एंगल हटाकर एसपी का वाहन निकलवाया। सड़क पर लगे जाम को खुलवाने कोतवाली प्रभारी, यातायात प्रभारी, देहात पुलिस सहित 50 पुलिस जवान तैनात रहे।
-मुझे तीन दिन पहले 8 55 नंबर मिला था और अब कह रहे है कि खाद लेने 8 दिन बाद आना। तब तक खेत उकट जाएंगे और सिचाई पर हजारों रुपए खर्च करना पड़ेंगे।
-राकेश, किसान
मोहरी से रात ३ बजे यहां आकर बैठा हूं, टोकन से 805 वां नंबर मिला और दोपहर में 65 नंबर पर खाद वितरण चल रहा है, तीन दिन से परेशान हो रहे हैं। खाद नहीं मिला तो खेत सूख जाएंगे।
-गोलू पाल, किसान

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