scriptकोरोना तो नहीं है कहीं यह बुखार, हर तीसरे मरीज का यही सवाल | Fever patients also fear of corona | Patrika News

कोरोना तो नहीं है कहीं यह बुखार, हर तीसरे मरीज का यही सवाल

locationभोपालPublished: Oct 22, 2021 08:15:06 am

Submitted by:

Subodh Tripathi

क्या मैं सीटी स्कैन करवा लूं… कोरोना से मैं मर तो नहीं जाऊंगा ना…।

corona3.jpg

प्रवीण श्रीवास्तव

भोपाल. साहब, मुझे बुखार आ रहा है, ये कहीं कोरोना तो नहीं…, क्या मैं सीटी स्कैन करवा लूं… कोरोना से मैं मर तो नहीं जाऊंगा ना…। कोरोना के कहर से लड़ चुके लोगों को अब हल्का सा बुखार भी डरा रहा है। कोरोना का डर लोगों के दिमाग पर इस कदर हावी हो गया है कि थोड़े से बुखार पर भी वे घबरा कर डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। चिकित्सा हेल्थ केयर (जेडएचएल) की 104 हेल्पलाइन पर भी कोरोना उनके लक्षण और वैक्सीनेशन से जुड़े सवाल ही पूछ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक हेल्पलाइन मंे आने वाला हर तीसरा कॉल कोरोना और वैक्सीनेशन से जुड़ा हुआ था।


दरअसल इन दिनों वायरल फीवर का कहर बढ़ता जा रहा है, लोगों को सर्दी, जुकाम और खांसी के साथ बुखार की समस्या भी हो रही है, चूकि लोग कोरोना की दूसरी लहर में कई लोगों को मौत का शिकार होते देख चुके हैं, ऐसे में हर किसी को यही डर है कि कहीं यह बुखार कोरोना तो नहीं है, इस कारण जिन्हें इस प्रकार की समस्या हो रही है। वे चिकित्सा को दिखाने भी जाते हैं तो घबराते हैं कि कहीं यह बुखार कोरोना ही तो नहीं है, साथ ही सरकार द्वारा जारी की गए हेल्पलाइन नंबर पर भी ऐसे ही सवाल पूछे जा रहे हैं।

बुखार के बारे में ली ज्यादा जानकारी


जेडएचएल के मुताबिक जनवरी-2020 से जुलाई-2021 के दौरान 10 सबसे ज्यादा पूछे गए सवालों की सूची तैयार की गई। इस पर कोरोना, लक्षण और वायरल से संबंधित जानकारी ली गई।


मोबाइल पर दवाएं भी


एक दवा कंपनी के सीनियर मार्केटिंग मैनेजर तरुण सिंह ने बताया कि कोरोना काल में विशेषज्ञ टीम ने फोन पर लोगों की मदद की। बीमारी और लक्षण बताने पर व्यक्ति को एसएमएस के जरिए बीमारी से संबंधित दवा का नाम भेजा गया, साथ ही दवा को कितना खाना है, यह भी बताया गया।

सेहत को लेकर ज्यादा संजीदा


कोरोना के बाद लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा संजीदा हो गए हैं। थोड़ा भी बदलाव होने पर वे इसके बारे में जानकारी लेते हैं। 104 हेल्पलाइन के विशेषज्ञ हर सवाल का जवाब तो देते ही हैं साथ ही उन्हें इलाज भी मिल जाता है। हमने अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने तथा उनका कौशल बढ़ाने के लिए मुंबई के आईकॉल टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआइएसएस) से स्किल डेवलपमेंट कोर्स कराया, ताकि वे बेहतर तरीके से लोगों की समस्याओं को सुलझा सकें।
-जितेन्द्र शर्मा, प्रोजेक्ट हेड, चिकित्सा हेल्थ केयर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो