भगवान के जयकारों से गूंजता रहा
भगवान आदिनाथ की शोभायात्रा शहर में धूमधाम से निकाली गई। जिसमें शहर सहित आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में समाज के महिला-पुरुष शामिल हुए। साथ ही मुख्य कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर कलशाभिषेक किया गया और भगवान की पूजा-अर्चना हुई। इससे दिनभर शहर णमोकार मंत्र के दिव्य स्वर और भगवान के जयकारों से गूंजता रहा।
जगह-जगह शहरवासियों ने स्वागत किया
शनिवार को सुबह 10 बजे पुराना बाजार स्थित गांव जैन मंदिर से रथ में भगवान को विराजमान कर शोभायात्रा निकाली गई। मुनिश्री निर्वेगसागरजी, मुनिश्री प्रशांतसागरजी और झुल्लकश्री देवानंदसागरजी के सानिध्य में शुरु हुए इस विमानोत्सव का जगह-जगह शहरवासियों ने स्वागत किया।
भगवान के साथ बैठे सौधर्म इंद्र, समाज अध्यक्ष बने सारथी-
शोभायात्रा में जहां समाज के सभी महिला-पुरुष संगठन विशेष डे्रस कोड में शामिल हुए और पहली बार महिलाओं को रजत पालकी की जिम्मेदारी दी गई, साथ ही शोभायात्रा की अन्य व्यवस्थाएं भी संभाली। वहीं बडऩगर से आए बैंड पर बज रहे भजनों की धुन पर लोगों ने जमकर नृत्य किया।
विमान वापस गांव जैन मंदिर पहुंचेंगे
रजत रथ में सौधर्म इंद्र गुलाबचंद विनोदकुमार मेडीकल बने, जिन्होंने भगवान की प्रतिमा रथ पर बनी पांडुकशिला पर विराजमान किया और समाज के अध्यक्ष रमेश चौधरी रथ के सारथी बने। वहीं धर्मेद्र रोकडिय़ा व सचिन बारी ने चंवर ढुलाए। इस दौरान कोई चांचड़ खेलता तो कोई भगवान के भजनों पर झूमता नजर आया। वहीं सुभाषगंज स्थित पांडाल की व्यवस्थाएं संभालने की अलग-अलग संगठनों को जिम्मेदारियां दी गईं। रविवार को रथ और विमान वापस गांव जैन मंदिर पहुंचेंगे।
बच्चों को संस्कारी बनाने की जिम्मेदारी पालकों की: मुनिश्री
शोभायात्रा के बाद सुभाषगंज में धर्मसभा का आयोजन हुआ। जहां पर कलशाभिषेक के साथ मुनिश्री के प्रवचन हुए। जहां पर मुनिश्री निर्वेगसागरजी ने बच्चों को संस्कारी बनाने की बात कही और कहा कि इसकी जिम्मेदारी माता-पिता की होती है। इसलिए माता-पिता अपने बच्चों को संस्कारी बनाएं और अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की चाह में बच्चों पर पढ़ाई में बोझ न डालने की भी बात कही। मुनिश्री ने कहा कि बच्चों को नौकर की वजाय मालिक बनाएं, क्योंकि बड़े शहरों व विदेशों में जाकर वह किसी कंपनी के नौकर ही बनेंगे, जबकि यदि उसे यहीं संस्कार मिलेंगे तो वह मालिक बनेगा।
शहर में होगा सिद्धचक्र महामंडल विधान, तैयारियां शुरु-
विमानोत्सव के दौरान जैन समाज अध्यक्ष रमेश चौधरी ने मुनिश्री के सानिध्य में शहर में सिद्धचक्र महामंडल विधान के आयोजन की घोषणा की। यह विधान पांच अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक होगा, इसके लिए 24 मंडलों की बोलियां लगाई गईं। समाज के लोग बोलियों के माध्यम से मंडलों के लिए चयनित हो गए।
शोभायात्रा में पेड़ बचाने का दिया संदेश-
शोभायात्रा के दौरान शहर के गांधी पार्क पर 20 फिट चौड़ी रंगोली सजाई गई और इस रंगोली के माध्यम से लोगों को पेड़ बचाने का संदेश दिया गया। जिसमें कटते पेड़ की पुकार की लिखी गई कि मुझे मत काटो। साथ ही इंडिया नहीं भारत कहो का संदेश भी रंगोली के माध्यम से दिया गया।