कलेक्टर डॉ. शर्मा ने लगभग एक सप्ताह पहले ब्लॉक की अनघौरा दीवान पंचायत के तहत आने वाले धनवारा गांव के स्कूल का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें स्कूल में पढऩे वाले बच्चे फटेहाल मिले। कलेक्टर ने बच्चों की हालत को देख उनके माता-पिता से बात की तो उन्होंने आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कपड़े दिलाने में असमर्थता व्यक्त की। कलेक्टर ने जन सहयोग से बच्चों के लिए कपड़े और स्कूल बैग खरीदकर उनका वितरण किया।
इस आयोजन की क्षेत्र के लोगों ने मुक्त कंठ से प्रार्थना की। साथ ही आदिवासी महिलाओं की आंखों में भी खुशी के आंसू थे। महिला मान बाई, संपत के अलावा अन्य ने बताया कि हमने तो जे सुनी हती कि कलेक्टर गांव की परेशानी ही सुनत हैं।
लेकिन गरीब बच्चने कपड़े बांटवे कौ काम भी कलेक्टर करत हैं जो पहली बारई देखो। ऐसी कलेक्टर जुग-जुग जिएं। इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी लेने के लिए लोगों की समस्याओं को भी सुना। कलेक्टर के साथ एसडीएम नीलेश शर्मा, तहसीलदार इसरार खान, बीईओ एसपी नाना, बीआरसीसी आरसी उज्जैनी के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
मूलचंद को भी मिलेगा उपचार
लंबे समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे गांव के मूलचंद पुत्र नंदा आदिवासी को भी उपचार मिल सकेगा। शनिवार को धनवारा पहुंची कलेक्टर के सामने मूलचंद ने अपने उपचार की गुहार लगाई। इस पर कलेक्टर डॉ. मंजू शर्मा ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि मूलचंद को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराकर उसके उपचार के प्रयास किए जाएं।
कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को भी मानवीय दृष्टिकोण से काम करना होते हैं। कुछ समय पहले मैने धनवारा गांव के स्कूल में पढ़ रहे बच्चों की स्थिति को देखा था।
कई बच्चों के तन पर तो कपड़े भी नहीं थे। इसके बाद जन सहयोग से कपड़े खरीदकर शनिवार को बच्चों को वितरित कर दिए गए। जिन गांवों में बच्चों की ऐसी स्थिति है। उन गांवों में भी जन सहयोग से बच्चों की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
– डॉ. मंजू शर्मा कलेक्टर अशोकनगर