जनौदा निवासी 22 वर्षीय प्रीति पत्नी रामपाल यादव दो दिन से जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में भर्ती थी। लेकिन रात 10 बजे अचानक नर्सों ने वार्ड से भगाते हुए बाहर निकाल दिया और परिजनों से कह दिया कि उसे भोपाल ले जाओ। प्रीति के साथ उसका पति और सास थी, जो नर्सों से मदद मांगते रहे और एक घंटे तक वह महिला प्रसूति वार्ड के बाहर ही जमीन पर पड़ी तड़पती रही। पति ने 181 पर भी फोन लगाकर शिकायत की और पुलिस को बुलाने के लिए डायल 100 पर भी फोन किया, लेकिन किसी ने उसकी समस्या नहीं। इससे अन्य मरीजों की अटेंडर महिलाओं ने खुद की साड़ियों से ओट की और खुले मैदान में ही डिलेवरी कराई। हालांकि जानकारी मिलने पर तब डॉ. डीके जैन वहाँ पहुंचे और उन्होंने बाद में महिला और उसके नवजात शिशु को वार्ड में फिर से भर्ती कराया।
पति का आरोप, गार्ड ने की झूमाझटकी
पति रामपाल यादव का आरोप है कि दो सिन तक उसने पैसे दिए तो उसकी पत्नी को नर्सें वार्ड में भर्ती रखा गया, लेकिन जब मंगलवार को उसने पैसे नहीं दिए तो बैड से उठाकर उसे बाहर भगा दिया। जब उसने कारण पूछा और समस्या बताई तो गार्ड को बुलाकर बाहर निकलवा दिया और गार्ड ने भी रामपाल से झूमाझटकी की। जब उसने भोपाल भिजवाने वाहन की व्यवस्था कराने की मांग की तो उससे वाहन के पैसे मांगे गए।