शुक्रवार को संभागायुक्त महेशचंद्र चौधरी जिले में पहुंचे। जहां पर उन्होंने समर्थन मूल्य पर हो रही खरीदी की समीक्षा की। साथ ही संभागायुक्त को खरीदी केंद्र का निरीक्षण कर हकीकत जानना थी, इससे प्रशासन उन्हें नवीन कृषि मंडी में बने खरीदी केंद्र पर ले गया। जहां पर खरीदे गए गेहूं को रखने की व्यवस्था टीनशेड में थी और किसान भी उसी टीनशेड की छाया में बैठे मिले। संभागायुक्त ने खरीदी केंद्र की व्यवस्था देखकर तारीफ की। साथ ही किसानों से भी खरीदी के संबंध में जानकारी ली गई। हालांकि नवीन मंडी की बाउंड्रीवाल से सटकर ही बने टेंचिंग ग्राउंड में कचरे का ढेर था और हवा से ढेर का कचरा उड़कर मंडी परिसर में आ रहा था। इससे संभागायुक्त ने पूछा कि क्या इसी तरह से मंडी में कचरे की समस्या बनी रहेगी। इस पर कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने बताया कि इस टेंचिंग ग्राउंड पर कचरा फैंकने पर रोक लगा दी गई है और कचरा अब दूसरी जगह भिजवाया जाता है। संभागायुक्त ने कचरे के ढ़ेर हटवाने के निर्देश दिए। इस दौरान एडीएम अनुज रोहतगी, एसडीएम नीलेश शर्मा, तहसीलदार इसरार खान सहित खाद्य विभाग व नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
जहां अनाज भीगा वहां नहीं गए संभागायुक्त खास बात यह है कि दो दिन पहले ही तेज बारिश की वजह से कई खरीदी केंद्रों पर खरीदा गया सरकारी गेहूं भीगकर खराब हो गया। लेकिन उन केंद्रों पर न तो संभागायुक्त गए और न हीं भीगे गए गेहूं की कोई जानकारी ली। वहीं प्रशासन ने भी उनके निरीक्षण के लिए इसी केंद्र को चुना था। वहीं खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा खरीदी केंद्रों पर स्वच्छ पेयजल और छाया सहित किसानों को खाना की व्यवस्था के लिए कैंटीन व्यवस्था के निर्देश दिए।
1.37 लाख क्विंटल गेहूं की हुई खरीद जिले में समर्थन मूल्य पर अब तक एक लाख 37 हजार 8 4 क्विंटल गेहूं की खरीदी हो चुकी है। इससे किसानों को 25.22 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान होना है। लेकिन ऑनलाइन दर्ज रिपोर्ट में भुगतान की रिपोर्ट जीरो है। इससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि कितने किसानों को भुगतान हो चुका है। किसानों का कहना है कि गेहूं बिकने के बाद वेयर हाउस में जमा हो जाने के बाद भी उन्हें भुगतान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि इस बार शासन ने निर्देश दिए थे कि गेहूं वेयर हाउस में जमा होने के तुरंत बाद किसान को भुगतान मिल जाएगा। लेकिन किसान भुगतान के लिए भटक रहे हैं।