मंडी अधिकारियों के मुताबिक एक दिन पहले अनाज से भरी हुईं 300 ट्रालियां मंडी पहुंच गई थीं और इसके बाद रातभर वाहनों की आवक जारी रहने से सुबह 10 बजे से ही परिसर पूरी तरह से जाम हो गया था। हालांकि पांच घंटे चली नीलामी बोली के बाद 200 ट्रैक्टर-ट्रालियों का गेहूं बिकने के लिए शेष रह गया। इससे उन किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए मंडी में रात रुकना पड़ा और बुधवार को उनकी उपज बिक पाएगी।
मंगलवार को मंडी की स्थिति पर एक नजर-
– 30 हजार क्विंटल अनाज पहुंचा
– 18 हजार क्विंटल गेहूं
– 7 हजार क्विंटल चना
– 1500 क्विंटल मसूर
– 800 क्विंटल सरसों
– 3 गेट हैं कृषि मंडी में
– 5 घंटे चली मंडी में नीलामी
– 1300 ट्रैक्टर-ट्राली से अनाज आया
– 200 ट्रालियों का अनाज नहीं बिका
यहाँ ,कलेक्टर ने जानी दो गांव की आंगनवाडिय़ों की हकीकत,
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित, 55 में से 15 बच्चे ही मिले
अशोकनगर. कुपोषण मिटाने और बच्चों व महिलाओं के स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए संचालित आंगनवाडिय़ां मनमानी का शिकार हैं। हालत यह है कि जब कलेक्टर ने दो गांव में पहुंचकर आंगनवाडिय़ों की हकीकत जानी तो एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनुपस्थित मिली तो वहीं दर्ज से बहुत कम संख्या में ही बच्चे उपस्थित मिले। इस पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने तहसीलदार को कार्रवाई के निर्देश दिए।
कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा क्षेत्र के छीपोन गांव पहुंची और मतदान केंद्र का निरीक्षण करने के बाद वह आंगनवाड़ी पर पहुंची तो कार्यकर्ता नूरजहां अनुपस्थित मिलीं और बच्चे भी बहुत कम संख्या में मिले, साथ ही नियमित रूप से पोषण आहार न मिलने की शिकायत पर तहसीलदार को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। वहीं मूडरा गांव की आंगनवाड़ी पर कार्यकर्ता और सहायिका तो उपस्थित मिलीं, जहां रिकॉर्ड में 55 बच्चे दर्ज हैं लेकिन उपस्थित सिर्फ 15 बच्चे ही मिले। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताई।