जिले में 1106 प्राथमिक, 38 5 माध्यमिक और 94 हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें से कुछ हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं और करीब 1400 स्कूल बिजली विहीन हैं। ज्यादातर स्कूल भवनों में मतदान केंद्र होने से प्रशासन ने सभी स्कूलों में बिजली कनेक्शन लगवाने के निर्देश दिए हैं। डीइओ आदित्य नारायण मिश्रा के मुताबिक बिजली कंपनी ने आवेदन, कनेक्शन, स्टांप शुल्क, सप्लाई अफोर्डिंग और सर्विस लाइन के नाम पर पांच हजार रुपए से अधिक का खर्चा एक स्कूल में बताया था। वहीं बिजली कंपनी के मुंगावली डीइओ ने तो मुंगावली, पिपरई और बहादुरपुर क्षेत्र के 310 स्कूलों में ही 34.78 लाख का खर्चा बताया। लेकिन राशि ज्यादा होने से कलेक्टर को समस्या बताई। बाद में बिजली कंपनी के अशोकनगर डीई ने प्रत्येक स्कूल में 806 रुपए में बिजली कनेक्शन देने की बात कही है।
बीइओ कार्यालय जमा करेगा बिल
डीइओ के मुताबिक बिजली कनेक्शन के लिए सभी सरकारी स्कूल 8 06 रुपए किसी भी मद में से जमा करा सकते हैं। लेकिन बाद में इन स्कूलों का बिजली बिल बीईओ कार्यालय या डीईओ कार्यालय द्वारा जमा किया जाएगा। वहीं बिजली कंपनी के डीई देवेंद्र मेहरा का कहना है कि 806 रुपए सिर्फ कनेक्शन शुल्क है और इस राशि में सिर्फ बिजली कनेक्शन ही दिया जाएगा, पास के ट्रांसफार्मर से सर्विस लाइन देंगे। इससे उन स्कूलों में बिजली कनेक्शन की संभावना नजर नहीं आ रही है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में कई स्कूल गांव से दूर हैं और उनके पास ट्रांसफार्मर या एलटी लाइन भी नहीं है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूल बिजली विहीन रह सकते हैं।