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अशोकनगर

प्रभारी मंत्री ने कहा फसलों में 35 से 40 फीसदी नुकसान, सांसद बोले जिले में सर्वे ही नहीं हुआ

समीक्षा बैठक: जिला योजना समिति की बैठक में पहुंचे प्रभारी मंत्री व सांसद, मुद्दों पर दिखी गहमागहमी। – सांसद ने पूछा कौन-कौन सी नलजल योजनाएं बंद, तो प्रभारी मंत्री अधिकारियों से बोले दोबारा कराएं लोकार्पण ताकि सभी को मिल जाए जानकारी।

अशोकनगरOct 22, 2019 / 11:37 am

Arvind jain

प्रभारी मंत्री ने कहा फसलों में 35 से 40 फीसदी नुकसान, सांसद बोले जिले में सर्वे ही नहीं हुआ

प्रभारी मंत्री ने कहा फसलों में 35 से 40 फीसदी नुकसान, सांसद बोले जिले में सर्वे ही नहीं हुआ

अशोकनगर. जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री और सांसद के बीच विभिन्न मुद्दों पर गहमागहमी दिखी। सांसद ने पूछा जिले में कौन-कौन सी नल-जल योजनाएं बंद हैं, तो प्रभारी मंत्री ने पीएचई अधिकारियों से कहा सभी नल-जल योजनाओं का दोबारा लोकार्पण कराएं जिससे सभी को जानकारी मिल जाए। वहीं प्रभारी मंत्री ने बारिश से जिले में फसलों में 35 से 40 फीसदी नुकसान बताया, तो सांसद ने कहा जिले में सभी जगह सर्वे ही नहीं हुआ।


सोमवार को कलेक्ट्रेट में प्रभारी मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया ने जिला योजना समिति की बैठक ली, जिसमें सांसद डॉ.केपी यादव भी शामिल हुए। जहां पर प्रभारी मंत्री ने विभागों के कार्यों की समीक्षा की और विधायकों व सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं बताईं। जहां पर प्रभारी मंत्री ने खाद्य विभाग को क्षेत्र में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिन दुकानों पर बाल श्रमिक काम कर रहे हैं उन दुकानदारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

 

साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़कों और प्रधानमंत्री आवासों का कार्य गुणवत्ता पूर्ण करने और समय पर पूर्ण कराने व बिजली बिलों का विवाद खत्म करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि जो भी निर्देश दिए हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई है अगली बैठक में विशेष रूप से देखा जाएगा, इससे गंभीरता से कार्रवाई करें। बैठक में विधायक गोपालसिंह चौहान, बृजेंद्रसिंह यादव और जजपालसिंह जज्जी भी मौजूद रहे।


विभाग ने बताये 104 हेंडपंप खराब, सदस्य बोले फर्जी हैं आंकड़े-
बैठक में पीएचई विभाग ने जिले में 104 हेण्डपंप और 46 नल-जल योजनाएं बंद बताईं। जिसमें 38 हेण्डपंप और 20 नल-जल योजनाओं के बंद का कारण कम जलस्तर बताया। रिपोर्ट देखकर सभी समिति सदस्य बोले फर्जी हैं आंकड़े और हर मीटिंग में यही रिपोर्ट रखी जाती है। इस पर पीएचई अधिकारी बोले हम तो नए आए हैं। विधायक गोपालसिंह चौहान व जियोस सदस्य राघवेंद्र सेंगर ने कहा कि सही जांच की जाए तो 10-12 गांवों में ही इतने हैण्डपंप बंद मिल जाएंगे। प्रभारी मंत्री ने हेंण्डपंप और नल-जल योजनाएं सुधारने में गंभीरता दिखाने के निर्देश दिए।


प्लास्टिक बोतलों में पहुंचा पानी तो सांसद ने लौटाया-
सिंगल यूज प्लास्टिक शासकीय ऑफिसों में प्रतिबंधित होने के बाद भी बैठक में प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखा गया। इस पर सांसद ने बोतलों को हटवा दिया। बाद में सभी को कांच के गिलासों में पानी दिया गया।


बंद कमरे में बैठक, मीडिया को रोका नेताओ को बाहर निकाला-
बैठक में मीडिया को प्रतिबंधित किया गया और बैठक में बैठे नेताओं को बाहर निकाल दिया गया। सांसद ने कहा मीडिया को आने दो पहले भी आते रहे हैं, तो प्रभारी मंत्री बोले यह मेरी बैठक है। इससे शहर में चर्चा बनी रही कि आखिर जिले के विकास का ऐसा कौन सा बिंदु था, जिस पर बंद कमरे में बैठक की जरूरत पड़ी।


बैठक में इन मुद्दों पर यह भी हुई चर्चा-
– सांसद ने कहा हिरणों की समस्या पर अभ्यारण्य बनवाने की बात पर प्रभारी मंत्री मुंगावली विधायक की तरफ देखकर बोले तुम ले लो इनका ठेका।
– सांसद ने पूछा मुंगावली स्मार्ट सिटी का काम क्यों रुका पड़ा है, तो अधिकारी-कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली। सीएमओ के प्रतिनिधि ने कहा जो स्मार्ट सिटी का काम कर रही कंपनी से हमारा कोई लेना-देना नहीं।
– समिति सदस्य राघवेंद्र सेंगर ने कहा चंदेरी में लकड़ी की व्यवस्था न होने से दाह संस्कार में आती है दिक्कत, तो डीएफओ बोले भेज दीं एक ट्रक लकड़ी। प्रभारी मंत्री ने नपा को दिए लकड़ी उपलब्ध कराने के निर्देश।
– सांसद डॉ.केपी यादव और विधायक गोपालसिंह चौहान ने चंदेरी नपा की सड़कों पर सवाल उठाए और नाराजगी भी जताई। विधायक ने सड़कों के मेंटनेंस कार्य की जांच कराने की मांग की।
– विधायक बृजेंद्रसिंह यादव ने कहा कि सूरेल से दो किमी दूर आम खो पर शैलचित्र हैं, जहां वन विभाग ने रास्ता बंद कर दिया है। इससे लोग इन शैलचित्रों को देखने नहीं पहुंच पाते हैं।


इनका कहना है-
कुछ भी खास नहीं हुआ बैठक में-
बैठक में कुछ भी खास बात नहीं हुई। कर्जमाफी न होने से किसान डिफाल्टर हो गए हैं और उन पर ब्याज बढ़ रहा है। किसानों की फसलें नष्ट हो गईं हैं, मुआवजा की बात तो दूर सर्वे तक जिले में सभी जगह नहीं हुआ। लोग बता रहे हैं कि बारिश से गिरे मकानों का भी सर्वे नहीं हो रहा।
डॉ.केपी यादव, सांसद गुना-शिवपुरी


नदी किनारे की जमीनों में 100 प्रतिशत नुकसान-
पीएम सड़क, पीएम आवास, खाद्य विभाग, हैण्डपंपों की खराबी और बिजली बिलों के विवाद पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिले में फसलों में 35 से 50 फीसदी नुकसान हुआ है, नदी किनारे की फसलों में 100 प्रतिशत नुकसान हुआ है। किसानों को आरबीसी छह (चार) के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
महेंद्रसिंह सिसोदिया, प्रभारी व श्रम मंत्री मप्र

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