मुंगावली ब्लॉक के तिन्सी गांव निवासी 30 वर्षीय उमाबाई पत्नी रणवीरसिंह को प्रसव पीड़ा हुई तो पक्की सड़क तक पहुंचने परिजनों ने प्रसूता को ट्रैक्टर में बिठाया, ट्रैक्टर में लाइट न होने से टॉर्च के उजाले में एक किमी कीचड़भरा रास्ता पारकर पक्की सड़क तक पहुंचे। जहां से एंबुलेंस से मुंगावली अस्पताल पहुंचे तो ब्लीडिंग होने से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। रात 9 बजे भर्ती हो जाने के बाद प्रसूता दर्द से तड़पती रही और सुबह 7 बजे प्रसव होने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
दो ने किया रक्तदान
प्रसूता को रक्त की ज्यादा जरूरत होने की जानकारी मिलने पर शहर के एक युवक ने रात में रक्तदान किया, वहीं एक डॉक्टर ने भी रक्त दिया। इसके बाद भी प्रसूता व उसके बच्चे की जान नहीं बच सकी। डॉक्टरों के मुताबिक खून की कमी हो गई थी और दो बार रक्त चढ़ाने के बाद भी पूर्ति नहीं हुई, इससे प्रसूता की मौत हो गई।
बोले- ऑपरेशन करते तो बच जाती जान
परिजनों ने प्रसूति वार्ड के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मृतका के ससुर बालचंद का कहना है कि रात में दो लोगों ने रक्त दिया, लेकिन डॉक्टर ब्लीडिंग नहीं रोक पाए। उनका आरोप है कि प्रसूता रातभर दर्द से तड़पती रही और हमने ऑपरेशन कर डिलेवरी कराने की मांग की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। मृतका के ससुर का कहना है कि यदि ऑपरेशन कर डिलेवरी करा देते तो दोनों की जान बच जाती। मृतका की दो छोटी-छोटी बेटियां हैं।