भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपने प्रत्याशी की घोषण लंबे असमंजस के बाद की, क्योंकि कांग्रेस को सर्वे से पता चला कि इस बार वह यह सीट खो सकती है और इसी से सिंधिया और प्रदेश के मंत्री बौखलाए हुए हैं और वह षड्यंत्र रचकर प्रकरण दर्ज करा रहे हैं और सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं।
शुक्रवार को डॉ. केपी यादव ने प्रेस कॉन्फे्रंस में यह बात कही और कहा कि यदि किसी के खिलाफ एफआईआर है तो पुलिस उसमें व्यक्ति और उसके पिता का नाम दर्ज करती है। लेकिन टिकट मिलने के एक घंटे बाद ही षड्यंत्र रचा गया और एफआईआर में पिता या बड़े भाई के नाम की वजाय डॉ. केपी यादव का भाई लिखा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि राजनीतिकरण के उद्देश्य से एफआईआर दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई मंत्री यहां डेरा डाले हुए हैं, जिन्होंने पुलिस और अधिकारियों को फोन लगाकर दबाव बनाया और यह प्रकरण दर्ज कराया।
साथ ही उन्हीं ने आधी रात को पूरे जिले की पुलिस भेजकर परिजनों को डरवाया-धमकाया और रात तीन बजे सतहरी गांव एसडीओपी और टीआई सहित पुलिस भेजकर मेरे माता-पिता को धमकाया गया। डॉ.केपी यादव ने कहा कि रात में तो एसपी-कलेक्टर ने फोन ही नहीं उठाए और जब सुबह एसपी से बात की तो एसपी ने कहा मुझे जानकारी नहीं। केपी यादव का कहना है कि वह इस पूरे मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से करेंगे और जिले के हर पुलिस अधिकारी की मोबाइल लोकेशन की जांच करवाएंगे कि इतनी रात को पुलिस परिजनों को डराने-धमकाने क्यों गई थी।
यह भी बोले भाजपा प्रत्याशी -जमानती धारा थी, तो जिलेभर की पुलिस को आधी रात को परिजनों को डराने-धमकाना जरूरी था क्या, क्या हम कोई आतंकवादी है। -षड्यंत्र था कि एक मिनट का विवाद और उसका कांग्रेसियों द्वारा मौके से ही पूरा वीडियो भी बनाया गया। प्री-प्लान षड्यंत्र रचा गया।
-मेडिकल रिपोर्ट में बताया कि रिपोर्ट दर्ज कराने वाले मुक्का मारने से दांत टूट गए, मुक्का मारने से दांत टूटे तो ओठों में कोई चोट क्यों आई। -सिंधिया बौखला रहे हैं कि एक साधारण आदमी उनके खिलाफ चुनाव कैसे लड़ रहा है और उनकी सर्वे रिपोर्ट भी उन्हें हार के स्वाद की आशंका जता रही हैं।
-बाहरी प्रत्याशी तो सिंधिया हैं, मेरे पास तो खुद का वोट है लेकिन सिंधिया के पास तो क्षेत्र में खुद का भी वोट नहीं है।