तालाब से बाहर निकला कचरा
श्रमदानी तालाब की पार पर पत्थरों पर खड़े होकर लगातार श्रमदान को आगे बढ़ा रहे है। लगभग आधी पार पर उगने वाली कटीली झाडिय़ों को साफ किया जा चुका है। इस दौरान पालिथिन, कपड़ा व पूजन सामग्री भी श्रमदानियों ने तालाब से बाहर निकालकर एकत्रित किया जा रहा है।
साफ हुई कटीली झाडिय़ां पार पर बैठने लगे लोग
तुलसी सरोवर की पार पर उगने वाली कटीली झाडिय़ां और बड़े-बड़े बेशरम के झाड़ होने की वजह से लोग की तालाब की पार पर नहीं बैठ पा रहे थे क्योंकि इन झाडिय़ों के पास नहीं बैठ रहे थे। लेकिन अब वहां सफाई हो जाने के बाद लोग तालाब की ठंडी हवाओं का लुफ्त लेने के लिए यहां बैठने लगे है और सरोवर की लहरो का आनदं उठा रहे है।
इन्होंने किया श्रमदान
कपिल रघुवंशी, केआर मेहरा पटवारी, नैना शर्मा, संदीप शर्मा, मीरा कुशवाह, कमल सालूजा, कार्तिक कुशवाह, स्काउट मास्टर अशोक ओझा, शिक्षक गोपाल शिवहरे, करन सुराना, मुंदर सिंह भट्टी, डा. बकुलरानी त्रिपाठी, अशोक रजक पिपरेसरा, रामेश्वर नामदेव, रामस्वरूप शिवहरे, सुलभ गुप्ता, रामसिंह ठेकेदार, ज्ञानी सिंह राजपूत, यशवीर सिंह राजपूत सहित अन्य श्रमदानियों ने श्रमदान किया।
ये बाले श्रमदानी
तुलसी सरोवर शहर की एक ऐसी धरोहर है। जिसे हम सुंदर और पर्यटन के रूप में विकसित किया जा सकता है जहां लोग घूमने आएं। प्रशासन को जल्द से जल्द कार्य प्रारंभ कर इसे संभारने का काम किया जाना चाहिए।
ज्ञानी सिंह राजपूत पार्षद प्रतिनिधि
पत्रिका के अभियान से जुड़कर मुझे बहुत अच्छा लगा। पत्रिका की तालाब को स्वच्छ करने की मुहिम में शामिल होकर श्रमदान कर बहुत शांति मिली। तालाब की सफाई के लिए लोगों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होना चाहिए जिससे बारिश से पहले तालाब की सफाई हो सके।
सुलभ गुप्ता नगरवासी
पत्रिका के इस अभियान में प्रतिवर्ष तालाब की सफाई होती है हमारे विधाक द्वारा तुलसी सरोवर तालाब के लिए ११ करोड़ का प्रस्ताव पास कराया है जल्द ही तुलसी सरोवर की तस्वीर बदलेगी। तालाब में जो सालभर में कचरा एकत्रित होता है वह पत्रिका के इस अभियान से साफ हो जाता है।
रामसिंह रघुवंशी ठेकेदार पार्षद प्रतिनिधि
तालाब पर हम घूमने आते थे जब सब लोगों को यहां सफाई करते देखा तो हम भी यहां आने लगे। हमे अच्छा लगता है कि हम अपने तालाब को घर की तरह यहां साफ सफाई करते है और यहां घूमने आते तो बहुत सुकून मिलता है।
यशवीर राजपूत