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अशोकनगर

नशा छुड़ाने पहली बार लगा शिविर, तो 18 साल के युवा भी पहुंचे

नशा छोडऩे के लिए लोगों में भी दिखी लत छोडऩे की दिलचस्पी,- डॉक्टर बोले अशोकनगर जिला नशे में अव्वल, नशा मुक्त समाज बनाने डॉक्टरों और पुलिस के साथ पूरे समाज की भी है जिम्मेदारी।

अशोकनगरJan 21, 2019 / 09:15 am

Arvind jain

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नशा छुड़ाने पहली बार लगा शिविर, तो 18 साल के युवा भी पहुंचे

अशोकनगर. नशा छोडऩे के लिए पहली बार शहर में शिविर लगा, तो नशे की लत से पीडि़त भारी संख्या में लोग वहां पहुंचे। 18 से 19 साल के कई एक युवा भी पहुंचे और अपने हाथों की नशों में नशे के इंजेक्शनों के निशान दिखाए। निशानों को देखकर भौचक्के रह गए डॉक्टर, डॉक्यूमेंट्री फिल्म के माध्यम से बताया नशे की लत में पड़कर किस तरह से युवा अपना ही जीवन खत्म कर रहे हैं और परिवार की परेशानियां बढ़ा रहे हैं।

जैन जागृति मंडल ने विद्यासागर स्वास्थ्य सेवा मिशन के तहत शहर के जैन नर्सिंग होम में रविवार को मनोचिकित्सा व नशा मुक्ति शिविर का आयोजन किया। जिसमें गुना के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.आरएस भाटी और कोलकाता के डॉ.आनंदसिंह ने इलाज किया और लोगों को नशे से बचाव के तरीके सिखाए। शिविर में 30 मरीज स्मैक, गांजा, चरस और अफीम की लत के पहुंचे। तो वहीं 35 मरीज शराब की लत और 27 मरीज सिगरेट-तंबाकू की लत के शामिल हुए।
इनमें सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की रही और 18 साल से 60 साल की उम्र तक के लोगों ने पहुंचकर इस शिविर में नशे की लत छोडऩे की इच्छा जताई। इसके अलावा डॉ.डीके जैन, डॉ.रितेश कांसल, डॉ.आलोक मौर्य आदि ने लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर इलाज किया।

डॉक्टर बोले गुटखा से शुरू होती है नशे की लत-
शिविर में नशाग्रस्त लोगों को नशा छोडऩे की सलाह देते हुए मनोरोग विशेषज्ञ डॉ.आरएस भाटी ने कहा कि उनके पास गुना में इलाज कराने के लिए सबसे ज्यादा मरीज अशोकनगर के पहुंचते हैं और अशोकनगर नशे में अव्वल है। नशे की यह लत गुटखा-सिगरेट से शुरू होती है और स्मैक, गांजे व चरस तक पहुंच जाती है और युवा वर्ग में सबसे ज्यादा प्रचलन बढ़ गया है।
इससे युवा वर्ग सबसे ज्यादा नशे की गिरफ्त में हैं और नशे की वजह से ही अपराध बढ़ रहे हैं। यदि आपको कोई व्यक्ति नशा करते दिखता है तो दूसरे घर का व्यक्ति होने की बात सोचकर नजर अंदाज न करें, क्योंकि यह नशा किसी दिन आपके घर तक भी पहुंच सकता है। इसलिए सभी को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए लोगों में नशे की लत खत्म करने के प्रयास में जुट जाना चाहिए।
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