कालोनी में अधिकांश गरीब तबके के परिवार निवास करते है। यहां विद्युत विभाग द्वारा बिजली के खंभे न लगाने के कारण लोगों ने जुगाड़ लगाकर बिजली के तारों को बल्लियों व पेड़ों, घरों में लगे लोहे के सरियों के सहारे बांधकर घरों तक बिजली ले जा रहे है। विभाग की इस लापरवाही से लोगों बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। वल्लियों के तारों की ऊंचाई कम होने के कारण मवेशी भी वल्लियों को गिरा देते है और तार जमीन पर लटक जाते हैं, जिससे आए दिन लोगों को करंट लगने का खतरा बना रहता है। रहवासियों ने इसकी शिकायत विद्युत विभाग के अधिकारी एवं नगरपालिका एवं विधायक से की है, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
मकानों में लगे सरियों में बारिश में आता है करंट
मोहल्लेवासियों ने बताया कि खंभे न होने के कारण तारों को अपने मकानों के ऊपर निकले सरियों से बांध दिया है जिसकी वजह से बारिश के समय करंट का खतरा बना रहता है, कभी-कभी सरिए की सहारे करंट मकानों में फैल जाता है और ऐसी घटनाएं कॉलोनी में हो भी चुकी है। ऐसे में लोगों की मजबूरी है कि घर तक बिजली पहुंचाने के लिए तो बचाव के लिए लोगों ने कहीं सरियों से पहले प्लास्टिक बांधा तो कहीं पॉलिथीन और डंडे बांधकर तारों को बांधकर रखा है।
कालोनी में करंट लगने से हो चुकी है एक युवक की मौत
त्रिलोकपुरी कालोनी में ही इन तारों के मकडज़ाल गलियों में साफ देखा जा सकता है। पूर्व में एक युवक को अपने घर के पास से निकले तारों से करंट लग जाने से मौत हो गई थी। रहवासी गोलू रघुवंशी ने बताया कि उनके घर के मकान के पास से निकले तारों से उनके भाई को करंट लगा था जिसके बाद रहवासियों ने जाम कर दिया था, लेकिन उस समय वहां से तार तो हटा दिए पर खंभों की कोई व्यवस्था नहीं की।
नीचे तार सड़कों पर मकडज़ाल
रहवासियों का कहना है कि बल्लियों से तार गिर जाने की वजह से जमीन से झुक जाते हैं। जिसके कारण कई बार कॉलोनी के छोटे-छोटे बच्चे व लोग करंट का शिकार बनने से बचे हैं। मोहल्ले में खंभा न होने की वजह से घरों में पेड़ों पर तारों को एवं गलियों से बांधा गया है एवं पूरी कालोनी में लाइट नहीं है। जिससे अंधेरा पसरा रहता है। रहवासियों ने आरोप लगाए हैं कि मोहल्ले में आधे में तो खंभे लगे हुए हैं, लेकिन आधी बस्ती में बिजली के खंभे नहीं लगे है।
इनका कहना
आधी बस्ती में खंभे नहीं लगे हुए हैं जिसकी वजह से मकानों के ऊपर निकले सरियों से तार बांधे हैं। बल्लियों पर तारों को लटका कर घरों तक लाया गया है। ऐसे में हमे घटना होने की आशंका बनी रहती है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है
धनकुंवर बाई कुशवाह, रहवासी
कई घरों की छतों के ऊपर से तार निकले हुए हैं जिससे बच्चों को एवं रहवासियों को करंट लगने का खतरा बना रहता है। मकानों से तार गुजरने से लोग असुरक्षित महसूस करते हैं। कई बार जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक लोगों से खंभे लगवाने की मांग की है।
बेताल सिंह लोधी रहवासी