डिप्टी डायरेक्टर ने जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटरों का निरीक्षण किया, तीन ओटी में से दो में तो ऑक्सीजन सिलेण्डर था, लेकिन एक सिलेण्डर नहीं था। इस पर उस ओटी में भी ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही ओटी में साफ-सफाई देखकर डिप्टी डायरेक्टर ने तारीफ भी की और कहा ओटी को इसी तरह से साफ रखना चाहिए।
वहीं प्रसूति वार्ड में प्रत्येक प्रसूता के साथ पांच से छह और कई बार तो इससे भी ज्यादा परिजन आते हैं। जो प्रसूति वार्ड में प्रवेश करते हैं। इस पर डिप्टी डायरेक्टर ने परिजनों की एंट्री पर रोक लगाने की बात कही और कहा कि प्रत्येक प्रसूता के साथ एक ही अटेण्डर को अंदर प्रवेश की अनुमति देना चाहिए। ताकि वार्ड में भीड़भाड़ न हो सके।
अब टोकन प्रक्रिया लागू करने की योजना-
सिविल सर्जन डॉ.हिमांशु शर्मा ने बताया कि एनआरसी में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। वहीं प्रसूति वार्ड में अटेंडरों की भीड़ को रोकने के लिए टोकन प्रक्रिया लागू करने की योजना है। जिसके पास टोकन होगा, सिर्फ वहीं अटेण्डर अंदर जा सकेगा। ताकि वार्ड में भीड़भाड़ पर रोक लग सके।