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अशोकनगर

4 साल से भटक रहा है टीचर, अधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान

यह कैसी प्रक्रिया: तीन साल 10 माह से निराकरण के लिए भटक रहा निलंबित शिक्षक।- शिक्षक ने कहा जिला शिक्षा समिति की अनुशंसा के बाद अब डीईओ फिर से मांग रहे मार्गदर्शन, इससे फिर अटक गया निराकरण।

अशोकनगरOct 11, 2019 / 01:08 pm

Arvind jain

board examination

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अशोकनगर. बहाली के लिए आवेदन करने के बाद शिक्षक तीन साल 10 माह से भटक रहा है। डीईओ ने तीन बार संचालनालय से मार्गदर्शन मांगा तो संचालक ने चार बार निर्देश भी दिए, वहीं कलेक्टर ने भी अनुशंसा की। लेकिन इसके बाद भी आवेदन का निराकरण नहीं हो सका। इस पर निलंबित शिक्षक ने डीईओ पर व्यक्तिगत द्वेष का आरोप लगाया है।


मामला मुंगावली तहसील क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बरवाह का है। जहाँ पदस्थ सहायक शिक्षक रविंद्रसिंह बैस के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज होने पर शिक्षा विभाग ने 22 मार्च 2015 को शिक्षक रविंद्रसिंह बैस को निलंबित कर दिया था। इसके बाद निलंबित शिक्षक रविंद्रसिंह बैस ने 12 फरवरी 2016 से बहाली के लिए कई बार आवेदन किए, लेकिन तीन-तीन बार लोक शिक्षण संचालनालय से मार्गदर्शन लेने के बाद भी शिक्षा विभाग इस मामले का कोई निराकरण नहीं कर पा रहा है और हर बार फिर से वरिष्ठ कार्यालयों से मार्गदर्शन मांग लिया जाता है। इस पर निलंबित शिक्षक ने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग के अधिकारी खुद ही मामले का निराकरण नहीं करना चाह रहे हैं और लगातार तीन साल से मार्गदर्शन के नाम पर अटकाए हुए हैं।


समिति ने की अनुशंसा, फिर भी निराकरण लंबित-
इस मामले में लोक शिक्षण आयुक्त और संचालक चार बार निर्देश जारी कर चुके हैं और निराकरण न करने पर डीईओ को नोटिस भी जारी किया। वहीं जिला शिक्षा समिति में कलेक्टर, एसडीएम और डीईओ शिक्षक को बहाल करने की अनुशंसा भी कर चुके हैं, लेकिन शिक्षा समिति की अनुशंसा के बाद भी आवेदन पर निराकरण करने की वजाय फिर से वरिष्ठ कार्यालय से अभिमत मांगा गया है। इस पर शिक्षक ने डीईओ पर निराकरण लंबित रखने का आरोप लगाया है, तो वहीं डीईओ का कहना है कि निराकरण शासन को करना है।


अब तक इस मामले में यह हो चुकी कार्रवाई-
– पुलिस थाने में प्रकरण दर्ज होने से शिक्षा विभाग ने 22 मार्च 2015 को शिक्षक को निलंबित किया।
– न्यायालय से जमानत मिलने के बाद शिक्षक ने 12 जून 2016 को बहाली के लिए आवेदन किया।
– आवेदन पर तत्कालीन डीईओ ने 8 जुलाई 2016 को वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिख मार्गदर्शन मांगा।
– 3 अगस्त 2016 को वरिष्ठ कार्यालय ने डीईओ को शिक्षक रविंद्रसिंह बैस के प्रकरण का निराकरण करने के निर्देश दिए।
– डीईओ ने फिर से वरिष्ठ कार्यालय को एकल नस्ती प्रस्ताव भेजकर फिर से इस प्रकरण में मार्गदर्शन मांगा।
– जिसमें मार्गदर्शन दिया गया कि सभी राज्यस्तरीय, संभागस्तरीय और जिलास्तरीय निलंबित कर्मचारियों के प्रकरणों का निराकरण टीम गठित कर करें।
– 14 अगस्त 2018 को लोक शिक्षण संचालक ने प्रकरण का निराकरण न होने पर डीईओ को पत्र लिखा।
– शिक्षक के बहाली प्रकरण का निराकरण न होने पर संचालक ने 8 फरवरी 2019 को डीईओ को नोटिस जारी किया।
– 8 मार्च 2019 को संचालक ने फिर से डीईओ को फिर से विभागीय पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं।
– 23 अप्रैल 2019 को लोक शिक्षण आयुक्त ने डीईओ को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया।
– 4 मई 2019 को जिला शिक्षा समिति में रखे गए इस प्रस्ताव पर कलेक्टर, अपर कलेक्टर और डीईओ ने शिक्षक को बहाल करने की अनुशंसा की।


डीईओ स्थानीय, इसलिए बना रहे द्वेष-
डीईओ को ही इस मामले में निराकरण करना है और अन्य शिक्षकों के भी निराकरण हुए। डीईओ इस क्षेत्र के स्थानीय निवासी हैं, इसलिए लगता है कि वह मुझसे द्वेष रखते हैं और निराकरण न कर मामले को लंबित बनाए हुए हैं।
रविंद्रसिंह बैस, निलंबित शिक्षक

मैंने प्रस्ताव भेजा, निर्णय शासन करेगी-
मुझसे जो प्रस्ताव मांगा गया, शिक्षा समिति की अनुशंसा के साथ संचालनालय को भेज दिया, निर्णय शासन स्तर पर होना है। मैंने तीन दिन पहले खुद ही संचालनालय पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों से निराकरण के लिए निवेदन किया है।
आदित्यनारायण मिश्रा, डीईओ अशोकनगर

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