किसान व व्यापारी दोनों परेशान
उल्लेखनीय हैकि गांवों में अपनी फसलों को बचाने के लिए किसानों ने उन्हें शहरों की ओर खदेड़ दिया।शहरों में ये सड़कों व बाजारों में खतरा बनने के बाद अब कृषि उपज मंडी में भी इनका जमावड़ा लगता जा रहा है।जिससे मंडी में अपनी उपज लेकन आने वाले किसान व व्यापारी दोनों परेशान हैं। व्यापारियों व किसानों के अनुसार मंडी बड़ी सं?या में सांड घूम रहे हैं तो अब सींग भी मारने लगे हैं।
किसान को अस्पताल पहुंचाया
मंगलवार को सुबह मंडी में डाक चल रही थी।टीन शेड के नीचे किसान व व्यापारी मौजूद थे।वहीं कुछ सांड भी विचरण कर रहे थे।तभी उनमें से एक सांड पीछे से आया और करैया हाट से चना बेचने आए किसान सालिगराम को सींग मार दिया। सांड के सींग मारने से किसान उछलकर दूर गिर गया।जिससे उसका एक कान कटगया। इसके साथ ही कमर व एक हाथ में भी गंभीर चोटआईहै। व्यापारियों ने तुरंत ही किसान को अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका उपचार किया गया।
दीवारें और सुरक्षा गार्ड भी नहीं रोक पा रहे मवेशी
$कृषि उपज मंडी में चारों ओर बाउंड्री वॉल है।लेकिन यह कईजगह से टूटी हुईहै।मंडी में तीन गेटहैं, जहां सुरक्षा गार्डनजर नहीं आते।जिसके चलते मवेशी आराम से मंडी में प्रवेश कर जाते हैं।जबकि मंडी में ३५ सुरक्षा गार्डों की तैनाती है।लेकिन ये सुरक्षा गार्ड भी मवेशियों को मंडी से बाहर नहीं कर रहे हैं। ये मवेशी नीलामी स्थल पर ही घूमते रहते हैं।कईबाद आपस में लडऩे से भी परेशानी होती हैऔर वाहन भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।इसके अलावा ये कभी भी आकर खाने-पीने की चीजों व अनाज में मुंह मारते हैं और भगाने पर मारने आ जाते हैं।
बाजारों, सड़कों व हाईवे पर भी मुसीबत
आवारा मवेशियों की सं?या शहर में हर दिन बढ़ रही है।बाजारों में ये मवेशी फलों, सब्जियों की दुकानों व ठेलों के आसपास खतरा बने हुए हैं।साथ ही रात के समय बच सड़क पर बैठ जाते हैं।जिससे वाहन चालकों के टकराने का डर रहता है।इसमें मवेशी और वाहन चालक दोनों ही जान को खतरा रहता है।
गौशाला निर्माण में लगेगा समय
जिले में सरकार की योजना के तहत 30 गौशालाओं की स्वीकृति मिल गईऔर इनमें से २५ गौशालाओं का काम भी शुरू होने को है।लेकिन इनके निर्माण में अभी समय लगेगा, तब तक इन मवेशियों के लिए कोईवैकल्पिक व्यवस्था की जानी आवश्यक है। लेकिन जि?मेदार इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।