मामला जिले के ईसागढ़ विकासखंड के मोचार गांव का है। 50 वर्षीय गोपाल पुत्र जलमा आदिवासी रात के समय हिरण व जंगली जानवरों से अपनी गेहूं की फसल बचाने के लिए खेत पर झोंपड़ी में सो रहा था। रात को करीब तीन से चार बजे के बीच अचानक कुछ आहट हुई तो किसान गोपाल आदिवासी ने बाहर निकलकर टॉर्च जलाई तो किसी ने उस पर गोली चला दी। गोली किसान की कोहनी में लगी और आरपार निकल गई, इससे कोहनी पूरी तरह से चकनाचूर हो गई। वहीं किसान के पेट में भी छर्रे लगे हैं। खून से लथपथ किसान रोते-चिल्लाते हुए घर पहुंचा, जहां से परिजन उसे ईसागढ़ ले गए। जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल भेज दिया। जिला अस्पताल में एक्सरे कर डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन हालत गंभीर होने से इलाज के लिए उसे भोपाल रैफर कर दिया है।
अब भय का माहौल फसलों की सिचाई का समय चल रहा है और जंगली जानवर भी खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में अपनी फसलों को बचाने के लिए कड़ाके की सर्दी के किसान खेतों पर रात और दिन के समय फसल की रखवाली करने के लिए मजबूर हैं। लेकिन मोचार गांव के किसान में गोली लगने के मामले के बाद किसानों में भय का माहौल बन गया है। किसानों का कहना है कि जब लोगों पर ही गोलियां चलने लगी हैं तो ऐसे में वह अपनी फसलों की रात के अंधेरे में रखवाली कैसे कर पाएंगे।
बेखौफ चल रहा जंगली जानवरों का शिकार जिले में हिरण सहित अन्य जंगली जानवरों की संख्या बढऩे से शिकारी भी सक्रिय हो गए हैं और हालत यह है कि इसके लिए शिकारी कई जगहों पर जाल लगा देते हैं, जिनमें जंगली जानवर फंस जाते हैं। तो वहीं बंदूकों से भी शिकार खुलेआम चल रहा है। पिछले साल चंदेरी के पास एक चीता किसी शिकारी द्वारा लगाए गए जाल में फंस गया था। बाद में शिवपुरी से आई वन विभाग की टीम ने उसे निकाला था।
नहीं आई कोई सूचना क्षेत्र में गोली लगने के मामले की कोई शिकायत नहीं है। अभी शाम को ही चर्चा सुनी की कुछ घटना हुई है। हमारे पास गोली चलने या किसी के घायल होने की अब तक कोई सूचना नहीं है।
नीतू अहिरवार, थाना प्रभारी कदवाया