script‘किसानों की बात करने वालों को सरकार गुनहगार समझती हैÓ | 'Those who talk of farmers, the government considers crime'. | Patrika News
अशोकनगर

‘किसानों की बात करने वालों को सरकार गुनहगार समझती हैÓ

 अशोकनगर. किसान प्राकृतिक आपदा
में फसल बर्बादी को भी झेलता है और बंपर उत्पादन होने पर फसल के वाजिब दाम न
मिलने से  उपज को सड़कों पर फेंकने को विवश है।

अशोकनगरJul 06, 2017 / 11:31 pm

praveen

Ashoknagar, Kisan Khet Mazdoor Sangathan, National

Ashoknagar, Kisan Khet Mazdoor Sangathan, National President,

 अशोकनगर. किसान प्राकृतिक आपदा में फसल बर्बादी को भी झेलता है और बंपर उत्पादन होने पर फसल के वाजिब दाम न मिलने से उपज को सड़कों पर फेंकने को विवश है। ऐसी स्थिति में वह कर्ज में डूबकर आत्महत्या कर रहा है और उनकी बात करने वालों को सरकार गुनहगार समझती है।

यह बात गुरुवार को किसान खेत मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कामरेड सत्यवान ने किसान सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े-बड़े कारपोरेट घरानों को खेती में मुनाफा कमाने की खुली छूट दे रही है। पूंजीपति घरानों का लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के कर्ज को सरकार माफ कर देती है और कर्ज न चुकाने की दशा में बैंक किसानों की संपत्ति जब्त कर ली जाती है। आंदोलन करने पर उन पर लाठियां और गोलियां बरसाई जा रही हैं। संगठनों द्वारा मंदसौर में किसानों पर पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी की निंदा करते करते हुए किसानों की सभी मांगों को पूरा करने की मांग की। कार्यक्रम की शुरुआत विमानों के चबूतरा के पास जनगीत से हुई। इसके बाद मंदसौर में मृतक किसानों को श्रद्धांजलि दी गई।

शहादत पर फूल चढ़ाने वालों को जेल भेज रहे हैं
सभा को इंदौर से आए हाईकोर्ट एडवोकेट एवं सामाजिक कार्यकर्ता अनिल त्रिवेदी ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अशोकनगर में भी किसानों को श्रद्धांजलि देने जा रहे एसयूसीआईसी के जिला सचिव सचिव सहित 20 साथियों को जेल में डाल दिया गया। सभा को प्रदीप आरबी व किसान नेता मनीष श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। इसके बाद जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा गया। इसमें किसानों की मांगों को पूरा करने के साथ ही अशोकनगर के साथियों पर चल रहे मुकदमे को वापस लेने की मांग की गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो