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weather : राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से मुंगावली क्षेत्र में बारिश, जिलेभर में छाए रहे बादल

locationअशोकनगरPublished: Jan 15, 2020 12:12:44 pm

फिर बदला मौसम: पश्चिमी विक्षोभ से फिर बदला मौसम, जिलेभर में छाए रहे घने बादल- बारिश से बढ़ी नमी, अब फिर से क्षेत्र में घने कोहरा छाने का अनुमान।

राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से मुंगावली क्षेत्र में बारिश, जिलेभर में छाए रहे बादल

राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से मुंगावली क्षेत्र में बारिश, जिलेभर में छाए रहे बादल,राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से मुंगावली क्षेत्र में बारिश, जिलेभर में छाए रहे बादल,राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से मुंगावली क्षेत्र में बारिश, जिलेभर में छाए रहे बादल

अशोकनगरअरविंद जैन की रिपोर्ट…

मध्यप्रदेश के मौसम में एक बार फिर परिवर्तन का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां सर्दी में अभी कुछ कमी आनी शुरू ही हुई थी कि अचानक एक बार फिर कई जिलों में बादल छाने शुरू हो गए हैं। वहीं कुछ जगहों पर तो बारिश तक हो गई है।
जानकारों की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ से जिले का मौसम अचानक फिर से बदल गया। राजस्थान में बने चक्रवाती प्रवाह से जिले के मुंगावली क्षेत्र में तेज बारिश हुई। दिन में कई बार रुक-रुककर हुई बारिश से दिनभर बरसाती दिन सा हाल रहा।
हालांकि जिले के शेष हिस्से में दिनभर घने बादल छाए रहे। मौसम विभाग ने आज भी जिले में आज भी बारिश का अनुमान बताया है और जिले में येलो अलर्ट घोषित किया है।

मंगलवार को सुबह से ही जिले के मुंगावली क्षेत्र में बारिश शुरु हो गई। रुक-रुककर दोपहर दो बजे तक दिन में कई बार बारिश हुई। इससे सड़कें तर हो गईं और सड़कों से पानी बहने लगा। बारिश मुंगावली के अलावा बहादुरपुर क्षेत्र में भी जारी रही।
वहीं शेष जगहों पर सुबह से ही छाए घने बादल देर शाम तक जारी रहे। बारिश को फसलों के लिए लाभदायक माना जा रहा है, क्योंकि जिन फसलों की सिचाई हो गई थी वह खेत फिर से गीले हो गए और जिन खेतों की सिचाई नहीं हुई थी उन्हें नमी मिल गई। इससे किसानों का सिचाई में डीजल पर होने वाले लाखों रुपए का बच गया।
कारण: पश्चिमी विक्षोभ से बना सर्कुलेशन-
मौसम विभाग के मुताबिक समुद्र तल से ऊपर 5.8 किमी पर पश्चिमी विक्षोभ अपनी धुरी के साथ बना हुआ है और ऊपरी क्षोभमंडल में एक द्रोणिका बनी हुई है जो पूर्वोत्तर की ओर चलायमान है। इसी से उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में चक्रवाती प्रवाह बना। जिससे क्षेत्र में बारिश हुई और बुधवार को भी जिले में कई स्थानों पर गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है।
आगे क्या: 20 जनवरी तक बारिश का अनुमान-
मौसम विशेषज्ञ शैलेंद्रकुमार नायक के मुताबिक 15 जनवरी से ताजा पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्र और आसपास के उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों को प्रभावित करने की संभावना है।
इससे पश्चिमोत्तर मप्र में 18 से 20 जनवरी तक कई स्थानों पर बारिश की संभावना है। वहीं 19 जनवरी को वर्षा गतिविधियां रहने की ज्यादा संभावना है। वहीं 15-16 जनवरी को भी पश्चिम दक्षिण मप्र में कुछ स्थानों पर बारिश का अनुमान है।
कृषि: मसूर में नुकसान पहुंचा सकती है बारिश-
किसानों व कृषि अधिकारियों के मुताबिक यह बारिश गेहूं व चना के लिए तो लाभदायक है, लेकिन मसूर की फसल में नुकसान का कारण बन सकती है। क्योंकि मसूर को ज्यादा नमी पानी सहन नहीं कर पाती है, यदि और बारिश हुई तो मसूर की फसल पीली पड़कर खराब होने की आशंका बन रही है। किसानों का कहना है कि मसूर की फसल में पहले से पौधों के सूखने की समस्या बनी हुई है।
मौसम में बढ़ी ठंड, सामान्य से कम दिन का पारा-
बारिश की वजह से नमी बढ़ते ही दोपहर बाद क्षेत्र में सर्दी तेज हो गई। सोमवार को जहां दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.6 डिग्री अधिक था, जो मंगलवार को घटकर सामान्य से एक डिग्री कम हो गया। अधिकतम तापमान 24.2 और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री दर्ज किया गया। इससे दिन व रात के तापमान में 10 डिग्री का अंतर रहा।
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