आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावासों में खाना बनाने वाली करीब 10 महिलाएं मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां पर उन्होंने विभाग के जिला संयोजक से शिकायत की और कहा पिछले वर्ष मात्र छह महीने का ही मानदेय मिला था और 15 महीने से उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है। जिसकी वह कई बार शिकायत कर चुके हैं और पैसे न मिलने से अपने बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं चुका पा रही हैं। महिलाओं ने कहा कि जब काम करवाया जाता है तो फिर मानदेय समय पर क्यों नहीं दिया जाता है।
साथ ही उन्होंने मानदेय न मिलने से परिवारों की आर्थिक समस्याएं भी बताईं और कहा कि हर बार ही अधिकारी सिर्फ आश्वासन देकर वापस लौटा देते हैं। इससे आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारी ने उन महिलाओं को मोबाइल पर उनके स्वीकृत मानदेय की राशि की सूची दिखाई, इसके बाद ही महिलाएं वापस गईं।
संयोजक बोले नहीं था बजट-
विभाग के जिला संयोजक ने इस समस्या पर बताया कि शासन से बजट नहीं मिला था और विभाग द्वारा मांग की जा रही थी। लेकिन अब बजट आ चुका है और जल्दी ही रसोईयों के खातों में राशि डाल दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि रसोईयों को मानदेय राशि के लिए अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा।