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अशोकनगर

युवाओं ने की 543 सांसदों की तेरहवी, लोगों को खाना भी खिलाया

सर्व अल्पसंख्यक, पिछड़ा और सामान्य वर्ग के सैकड़ों युवाओं ने एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में तुलसी पार्क पर सांसदों की तेरहवीं का आयोजन किया

अशोकनगरSep 24, 2018 / 10:58 pm

Praveen tamrakar

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Ashoknagar Thirahvi’s programs feed people to feed youth: young

अशोकनगर. एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में जहां 14 सितंबर को सर्व अल्पसंख्यक, पिछड़ा और सामान्य वर्ग समाज के 500 से अधिक युवाओं ने मुंडन कराकर शहर में देश के 543 सांसदों की शवयात्रा निकाली थी। वहीं अब युवाओं ने देश के सभी सांसदों की शहर में तेरहवीं की, इसके लिए बकायदा गंगाजी पूजन किया और सांसदों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही दो हजार लोगों को खाना भी खिलाया। इसके अलावा महिलाओं की वेशभूषा में युवाओं ने शहर में विलाप भी किया। इससे युवाओं का यह विरोध प्रदर्शन शहर में लगातार पांच घंटे तक जारी रहा।

सर्व अल्पसंख्यक, पिछड़ा और सामान्य वर्ग के सैकड़ों युवाओं ने एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में तुलसी पार्क पर सांसदों की तेरहवीं का आयोजन किया। इसके लिए दो दिन पहले ही इन युवाओं ने शोकपत्र छपवाकर सभी सांसदों के परिवारों को आमंत्रित किया था। सोमवार को सुबह 11 बजे से तेरहवीं का कार्यक्रम हुआ और तेरहवीं की सभी रस्म कीं। मिनरल वाटर की बोतल रखकर गंगाजी पूजन किया और सभी सांसदों के नाम लिखे बैनर को रखकर श्रद्धांजलि भी दी। वहीं सब्जी पूड़ी बनवाकर गरीब परिवारों के दो हजार लोगों को खाना खिलाया गया। इससे शाम चार बजे तक तुलसी पार्क पर युवाओं का यह अनोखा विरोध जारी रहा।

पार्टियों को चेतावनी यूपी की तरह न बन जाएं समीकरण
समिति के अमित रघुंवशी ने बताया कि तेरहवीं का कार्यक्रम पूर्ण करने के बाद भाजपा-कांग्रेस पार्टी को चेतावनी भी दी है कि अभी चुनाव को समय है, इसलिए चिंतन-मनन कर लें कि जिस तरह से 2007 में यूपी में बसपा की सरकार बन गई थी। उसी तरह से प्रदेश में भी ऐसे समीकरण न बन जाएं। इससे कि बाद में दोनों पार्टियों को पछताना पड़े। साथ ही उन्होंने सांसदों को भी चेतावनी दी कि कहीं ऐसा न हो कि वर्तमान सभी सांसदों के नाम के आगे पूर्व सांसद लिखा हो जाए।

गांवों में नेताओं से पूछेंगे आपने क्यों नहीं पूछा पार्टी से सवाल-
युवाओं का कहना है कि अब इस एक्ट के विरोध में आगामी कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र में होंगे। गांवों में चुनाव के लिए वोट मांगने पहुंचने वाले दोनों पार्टियों के नेताओं से ग्रामीण पूछेंगे कि आपने इस एक्ट के विरोध में पार्टी से सवाल क्यों नहीं पूछा और विरोध क्यों नहीं किया। इससे अब ग्रामीण क्षेत्र में स्थानीय और प्रादेशिक नेताओं को इन सवालों का सामना करना पड़ेगा।
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