कमर गुल ने न सिर्फ तालिबान का सामना किया बल्कि उसके तीन लड़ाकों को अपने पिता की AK-47 राइफल से भून डाला। दरअसल तालिबान आतंकवादियों ने सरकार का समर्थन करने पर गुल के घर में घुसकर उनके माता-पिता को मार डाला था, जिसका गुल ने इंतकाम लिया। गांव पर 40 से अधिक आतंकवादियों ने हमला किया था।
अफगानिस्तान के घोर प्रांत पर हमला बोला था बताया जा रहा है कि 17 जुलाई को आधी रात को अचानक तालिबान आतंकियों ने अफगानिस्तान के घोर प्रांत पर हमला बोला था। रात एक बजे तालिबान आतंकवादी गुल के घर में घुस गए। उनके माता-पिता को गोलियों से भून डाला। इसके बाद कमर गुल बाहर निकलीं और अपने पिता की AK-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। कमर गुल के साथ उनका एक भाई भी साथ था। करीब एक घंटे तक चली गोलीबारी में तीन आतंकवादी मारे गए। बाद में दूसरे लड़ाकों ने गुल को मारने की कोशिश की। लेकिन गांववालों की मदद से सरकार के समर्थकों ने गनफाइट कर उन्हें भगा दिया। अफगान सुरक्षाबल अब कमर गुल और उनके भाई को सुरक्षित स्थान पर लेकर गए है।
कमर गुल के तालिबान को मुंहतोड़ जवाब देने की घटना सबके सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर कमर बहादुरी को सराहा जा रहा है। इतनी कम उम्र में कमर गुल ने जिस हिम्मत से तालिबान का सामना किया, उसके लिए हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है।
सुरक्षाबलों का समर्थन करने वालों की हत्या कर दी इस घटना के बाद कमर गुल और उनके भाई दो दिनों तक बेहद सदमे में रहे। वह किसी से बातचीत नहीं कर रहे हैं। जवाबी हमले पर कमर गुल ने कहा कि यह उनका अधिकार था, क्योंकि हमें अपने माता-पिता के बिना नहीं जीना है। गांव में उनके सौतेले भाई के अलावा कोई और रिश्तेदार नहीं हैं। गौरतलब है कि तालिबान आतंकवादी अक्सर ही अफगान सरकार और सुरक्षाबलों का समर्थन करने वालों की हत्या कर देते हैं। काबुल में शांतिवार्ता के बावजूद तालिबान ने हमले तेज कर दिए हैं।