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आतंकी हमले में अपने आधे परिवार को खोया, तीन साल की बच्ची के सिर में गोली मारी

locationनई दिल्लीPublished: Mar 27, 2020 11:03:45 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई।
हरिंदर सिंह सोनी के परिवार के पांच सदस्य मारे गए।
इस्लामिक स्टेट ले ली हमले की जिम्मेदारी।

gurudwara attack

गुरुद्वारे में मारे गए परिजन के लिए शोक व्यक्त करता शख्स।

काबुल। अफगानिस्तान में बुधवार को एक गुरुद्वारे पर हुए आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान कई ऐसे मामले सामने आए, जिसने मानवता का सीना छल्ली कर दिया है। इस घटना में बचे लोगों द्वारा बयां की गई हैवानियत को सुनकर हर कोई हैरान है। आतंकियों की कायरतापूर्ण हरकत ने कई मासूमों की जान ले ली। किसी ने अपनी मां खोई तो किसी ने अपनी नन्ही सी बच्ची, तो किसी के परिवार के आधे से ज्यादा लोगों को खो दिया। इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है जिसने 2018 में भी सिखों पर हमला किया था। लगातार हो रहे हमले के कारण यहां के सिख परिवार पलायन करना चाहते हैं। वह किसी दूसरे देश में शरण लेने को मजबूर है।
हरिंदर सिंह सोनी (40) जो उस समय गुरुद्वारे में मौजूद था, उसने अपने परिवार के कई सदस्यों को खो दिया। वह र्कीतन सेवादार है। इस घटना में उनका आधा परिवार खत्म हो गया। तीन साल की बेटी, पत्नी सुरपल कौर (40), पिता निर्मल सिंह सोनी (60), ससुर भगत सिंह (75) और भतीजे कलुविंदर सिंह खालसा (35) को आतंकियों ने मार डाला। हमले में उसकी मां रावैल कौर बच पाई।
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नन्ही सी जान को भी नहीं बख्शा

यहां तक की आतंकियों ने तीन साल की मासूम तान्या को भी नहीं बख्शा। वह अपने आने वाले जन्मदिन का इंतजार कर रही थी। अपनी बेटी खो चुके हरिंदर उस घटना को यादकर रो पड़ते हैं। वे बताते हैं कि उनकी बेटी को सिर में गोली मारी गई। वह चिल्लाती रही कि डैडी मुझे बचा लो, पर आतंकियों पर उस पर जरा सा भी तरस नहीं आया। तान्या का अगले 10 दिन में जन्मदिन था और वह प्री-प्राइमरी क्लास में पढ़ती थी।
परिवार के बचे हुए सदस्यों को न मार दें आतंकी

उनके दो बच्चे गगनदीप सिंह (13) और गुरजीत कौर (11) और चार भाई उस वक्त गुरुद्वारे में मौजूद नहीं थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में ही जन्में हरिंदर परिवार के बचे हुए लोगों के साथ देश छोड़ने का मन बना चुके है। वह नहीं चाहते कि आतंकी बाकी बचे परिवार के सदस्यों को भी मार डाले।
हमले वाले दिन चार आतंकी गुरुद्वारे में दाखिल हुए थे और लोगों पर अंधाधुंध गोली चलानी शुरू की थी। हमले के तुरंत बाद अफगान फोर्स और विदेशी फोर्स ने मोर्चा संभाल लिया था। 6 घंटे चली मुठभेड़ के बाद चारों आतंकियों को मार गिराया था। हमले की जिम्मेदारी भले ही इस्लामिक स्टेट ने ली है लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हमला आईएसआई के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा और हक्कानी नेटवर्क ने किया था।
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