म्यांमार ने की चीन की तारीफ
चीनी अधिकारी ने दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त रूप से शांति व स्थिरता बनाए रखने के लिए बेल्ट एंड रोड पहल के विकास को बढ़ावा देने की इच्छा व्यक्त की। सू की ने कहा कि म्यांमार राष्ट्रपति शी के नेतृत्व में चीन की उत्कृष्ट उपलब्धियों की सराहना करता है। उन्होंने म्यांमार के आर्थिक विकास और शांति प्रक्रिया में समर्थन के लिए चीन का आभार व्यक्त किया। वेई ने म्यांमार के रक्षा बल के कमांडर-इन-चीफ सेन-जनरल मिन आंग हलांग से भी मुलाकात की।
रोहिंग्या शरणार्थी पर भी होगी बातचीत
बताया जा रहा है कि रोहिंग्या शरणार्थी संकट को लेकर आंग सान सू चीन के अधिकारियों से बातचीत की है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी जानकारी नहीं दी गई है। दरअसल आंग सान सू चाहती हैं कि चीन रोहिंग्या मसले पर म्यांमार सरकार की मदद करे। इससे पहले दिसंबर 2017 के दौरान आंग सान सू ने अपने चीनी दौरे पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से म्यांमार और बांग्लादेश के बीच मध्यस्थता का अनुरोध किया था।
म्यांमार और चीन की दोस्ती भारत के लिए खतरा
विशेषज्ञों की मानें तो म्यांमार और चीन की दोस्ती भारत के लिए खतरे का सबब बन सकती है। चीन म्यांमार को साध कर भारत की मुश्किलें बढ़ा सकता है। म्यांमार के साथ भारत के रिश्ते पुराने बेशक हैं लेकिन रोहिग्यां मुद्दे पर भारत की राय अलग है।