पाकिस्तान में कितना बुरा है हिंदू मंदिरों का हाल, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
कट्टरपंथियों का कहना था कि दीपन एक स्थानीय जिहादी समूह के सदस्य थे। जिस वक्त ये हत्या की गई थी उस वक्त यहां हिंसा की उस लहर का हिस्सा था। कट्टरपंथी लोग धर्मनिरपेक्ष कार्यकर्ताओं, ब्लॉगरों और नास्तिक लेखकों की सरेआम हत्या कर रहे थे। लेकिन दीपन की हत्या के बाद महौल बहुत खराब हो गया।
अब इस हत्या के आरोप में ढाका की स्पेशल एंटी-टेरेरिज्म ट्रिब्यूनल के जज ने सभी आठों आरोपियों को दोषी पाया।जिसके बाद इन सभी को फांसी की सजा सुना दी गई।
सजा सुनाते हुए जज ने कहा, ‘आरोपियों का लक्ष्य ब्लॉगरों, लेखकों और पब्लिशर्स की हत्या कर लोगों की आवाज को दबाना था। ये लोगों में दहशत पैदा करके सार्वजनिक सुरक्षा को बाधित करना चाहते थे।’
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान दो आरोपी कोर्ट में मौजूद नहीं थे। इनमें हत्या का मास्टरमाइंड और सेना से निष्काषित सैयद जियाउल हक शामिल है। हक पर पहले भी कई हत्याओं का आरोप लग चुका है।
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बता दें बीते कुछ सालों से मुस्लिम बहुल मुल्कों की तरह बांग्लादेश में भी धार्मिक कट्टरपंथी और धर्मनिरपेक्षतावादी लोगों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।धार्मिक कट्टरपंथी हर हाल में सत्ता हथियाने में लगे हुए हैं और धर्मनिरपेक्ष लोगों का एक धड़ा इसे रोकने में लगा हुआ है।