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यूएन में चौथी बार चीन बना रोड़ा, आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव पर लगाया वीटो

– कहा, जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर का आपस में कोई संबंध नहीं है
– चीन की दलील है कि पहले भी मसूद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं
– भारत ने मसूद के खिलाफ कई सबूत सौंपे थे

नई दिल्लीMar 14, 2019 / 03:30 pm

Mohit Saxena

masood

यूएन में चौथी बार चीन बना रोड़ा, मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव रद्द

नई दिल्ली। जैश सरगना मसूद अज़हर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने में चौथी बार चीन रुकावट बन गया है। चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया है। इसके साथ ही ये प्रस्ताव रद्द हो गया है। मीडिया के मुताबिक चीन इस बात पर अड़ा है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर का आपस में कोई संबंध नहीं है। चीन की दलील है कि पहले भी मसूद के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने मसूद के खिलाफ कई सबूत सौंपे थे, जो मसूद और जैश के संबंध को साबित करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद को सौंपे गए डोजियर में भारत ने मसूद के खिलाफ सबूत दिए हैं।
https://twitter.com/rssurjewala/status/1105900975653437440?ref_src=twsrc%5Etfw
चीन ने मसूद के खिलाफ़ और सबूत मांगे हैं

सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने अमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन के जरिए लाए जा रहे प्रस्ताव में रोड़ा लगा दिया। भारत ने अमरीका, फ्रांस के साथ पुलवामा आतंकी हमले के कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज साझा किये थे। इस तरह से मसूद के खिलाफ़ संयुक्त राष्ट्र में पुख्ता सबूत पेश किये जा सकते हैं। इस दौरान भारत को अमरीका का जबरदस्त साथ मिला है। मगर चीन ने मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित न करने के लिए फिर से पैंतरा चल दिया। इसकी आशंका पहले ही जाहिर की गई थी। कहा जा रहा है कि चीन ने मसूद के खिलाफ़ और सबूत मांगे हैं। पठानकोट आतंकी हमले के बाद से मसूद अजहर के खिलाफ ये प्रस्ताव चौथी बार लाया गया है।
27 फरवरी को पेश किया था प्रस्ताव

आतंकी मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने का प्रस्ताव यूएन सुरक्षा परिषद की समिति के समक्ष 27 फरवरी को पेश किया गया था। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में 40 सुरक्षाकर्मियों के शहीद हो जाने के बाद अमरीका, ब्रिटेन व फ्रांस ने यह प्रस्ताव पेश किया था। इसी आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।
अंतिम समय में चीन का रोड़ा

इस प्रस्ताव पर विचार के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया था। यह अवधि भारतीय समयानुसार रात 12.30 बजे खत्म हो रही थी। यह समय-सीमा खत्म होने के ठीक पहले चीन ने वीटो का उपयोग कर प्रस्ताव को खारिज कर दिया। चीन ने प्रस्ताव के परीक्षण के लिए और वक्त मांगा है।
चीन के रवयै से निराशा : भारत

चीन द्वारा वीटो करने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने निराशा प्रकट की है। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि वह भारत के नागरिकों पर हमले में लिप्त आतंकियों को न्याय के दायरे में लाने के सारे विकल्पों का उपयोग करते रहेंगे। मंत्रालय ने प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी देशों के प्रति आभार प्रकट किया है। विशेषज्ञों के अनुसार छह माह में यह प्रस्ताव यूएन में दोबारा रखा जा सकता है।
मसूद के खिलाफ रणनीतिक पहल

– सबसे पहले 2009 में आया था प्रस्ताव
– भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था।
– अमरीका, ब्रिटेन व फ्रांस के साथ भारत ने 2016 में प्रस्ताव रखा था।
– अमरीका, ब्रिटेन व फ्रांस ने 2017 में दोबारा प्रस्ताव रखा था।
– इसके बाद 2019 में अमरीका ब्रिटेन व फ्रांस ने तीसरी बार पहल की

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