क्या चीन ने पीओके को भारत का हिस्सा मान लिया है। चीन ने पहली बार पाक अधिकृत कश्मीर को भारत के जम्मू-कश्मीर के नक्शे का हिस्सा दिखाया है। बता दें कि भारत काफी लंबे समय से चीन से इसकी मांग कर रहा था। बताया जा रहा है कि एक कार्यक्रम के दौरान चीन का सरकारी टेलीविजन चैनल सीजीटीएन बीते शुक्रवार को पाकिस्तान में चीन के वाणिज्य दूतावास पर आतंकी हमले की कोई खबर दिखा रहा था। उसी दौरान सरकारी टीवी ने कश्मीर का पूरा मैप दिखा दिया। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह कदम सोच समझ कर उठाया गया है या फिर इसके पीछे टीवी चैनल की कोई गलती है। जानकारों का मानना है कि इसकी संभावना बहुत कम है कि चीन का सरकारी टीवी चैनल वहां सरकार और पार्टी के खिलाफ जाकर कोई काम करे। चीन का सरकारी चैनल सीजीटीएन को सीसीटीवी-9 और सीसीटीवी न्यूज के नाम से जाना जाता है। यह चैनल सन 2000 में लॉन्च हुआ था।
हालांकि पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा दिखाए जाने की वजह से चीन-पाकिस्तान-इकनॉमिक-कॉरिडोर (सीपीईसी) खटाई में पड़ सकता है। इस बात की भी संभावना है कि चीन सीपीईसी में भारत को शामिल करने की खुशामद में लगा हो और इसलिए उसने भारत को केवल सब्ज़बाग दिखाया हो। असल में सीपीईसी पर भारतीय आपत्तियां बेहद मजबूत है क्योंकि यह इसकी संप्रभुता का उल्लंघन करता है। बता दें कि पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से गुजरने वाला सीपीईसी चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत अहम कनेक्टिविटी लिंक है।
हलांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या चीन के रुख में कोई बदलाव हुआ है। इस मामले में अभी तक यह भी साफ नहीं है कि क्या इस बदलाव के पीछे हालिया भारत और चीन की उच्च स्तरीय बातचीत की कोई भूमिका है या नहीं। बता दें कि इस साल भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच तीन बार मुलाकात हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की एक और मुलाकात हो सकती है।इस हफ्ते जी-20 समिट के दौरान दोनों नेता मिल सकते है। इससे पहले चीन ने भारत को परेशान करने के लिए पीओके में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर भारी निवेश किया था। जबकि भारत ने इन प्रॉजेक्ट्स पर आपत्ति जताते हुए चीन और पाकिस्तान सरकार से कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।