शरणार्थी मामले में डोनाल्ड ट्रंप ने बदला रुख, कहा- गोली नहीं चलाएगी सेना मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- जनाजे की नमाज उनके पुत्र मौलाना हामिदुल हक ने पढ़ाई। इसके बाद हक को दारूल उलूम हक्कानिया में उनके पिता की कब्र के बगल में दफना दिया गया। इस मौके पर65 सदस्यीय अफगान प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। गौर हो, समीउल कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-सामी (जेयूआई-एस) के अध्यक्ष थे।
सुरक्षा के लिए दारूल उलूम हक्कानिया और उसके आसपास स्थित विभिन्न स्थानों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। हक, दारूल उलूम हक्कानिया के भी प्रमुख थे। इसे पश्विमी मीडिया में ‘जिहाद का विश्वविद्यालय’ कहा जाता है। कई पाकिस्तानी और तालिबानियों के कई नेताओं ने यहीं से शिक्षा ली है।
इन लोगों में मुल्ला उमर भी शामिल है, जिसे मदरसे ने डाक्टरेट की मानद उपाधि दी थी। अभी तक किसी भी संगठन ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस ने कहा है कि हमलावरों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है।
अमरीका दे सकता है दुनिया को बड़ा झटका, ट्रंप ने पोस्टर शेयर कर लिखा- आ रहे हैं प्रतिबंध पुलिस के अनुसार- हमला शाम पौने सात बजे हुआ और हक के पेट, सीने, माथे और कान पर 12 बार वार किए गए।
उनके बेटे हामिदुल हक की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पिता हमले के समय अकेले थे। हामिदुल ने उनका पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और इसे इस्लाम की शिक्षा के खिलाफ बताया।
पुलिस ने हक के ड्राइवर और सुरक्षाकर्मी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। रावलपिंडी पुलिस के एक प्रवक्ता के अनुसार- सीसीटीवी फुटेज हासिल कर लिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में लगता है कि हत्या में कम से कम दो लोग शामिल थे।