इस्लामाबाद में रैली को संबोधित करते हुए हाफिज ने कहा कि अमरीका ने मिल्ली मुस्लिम लीग पर प्रतिबंध लगाया है। क्या वाकई में वह कुछ विश्वसनीय है। अमरीकी सरकार ये अच्छे से समझती है कि हमारी पार्टी एक ऐसी राजनीतिक पार्टी है जो किसी भी हालात से समझौता नहीं करती है।
कश्मीर के लिए पूरे पाकिस्तान में समर्थन जुटाने निकले हाफिज ने पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकान अब्बासी को भी नसीहत दी। उसने कहा वजीरे आजम अब्बासी को कश्मीर में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपने कैबिनेट के साथ अमरीका जाना चाहिए और यूएन दफ्तर के बाहर बैठ जाना चाहिए। आतंकी सरगना ने आगे कहा कि अब्बासी साहब को अपना बचा हुए समय आजाद कश्मीर के लिए अपने दफ्तर में गुजारना चाहिए। अमरीकी आपका (पाकिस्तानी पीएम) नाम अपने वफादारों की सूची में डाल लेगा लेकिन क्या इससे आपका सम्मान बढ़ेगा?
बता दें अमरीका ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) पर शिकंजा कसने के लिए उसकी राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) और सात नेताओं के साथ ही एक अन्य मोर्चे के संगठन को आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल कर लिया है। अमरीकी विदेश व राजस्व विभागों ने घोषणा करते हुए कहा कि एमएमएल जो एलटीई प्रमुख हाफिज सईद के पोस्टर के साथ खुले तौर पर अभियान चलाता है, को दो विभिन्न कानून के तहत विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) में सूचीबद्ध किया है।
राजस्व विभाग की उपसचिव सिगल मंडेलकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि मिल्ली मुस्लिम लीग के साथ काम करने वालों और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों को दोबारा विचार करना चाहिए कि ऐसा करना अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ हो सकता है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग मिल्ली मुस्लिम लीग और सात वैश्विक आतंकवादियों के एक समूह को लक्षित कर रही है जो पाकिस्तान की राजनीतिक प्रक्रिया को कमजोर करने के लश्कर-ए-तैयबा के प्रयासों में शामिल हैं।