बता दें, अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार आरोप लगाते रहे हैं कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान अमरीका की मदद नहीं की।
जमाल खशोगी मामला: शव ढूंढ़ने के लिए पुलिस ने छाने होटल, कोई सुराग नहीं मिला एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- इमरान ने कहा कि- हमने अपने देश में थोपा हुआ युद्ध अपने युद्ध की तरह लड़ा और इसकी हमें भारी कीमत चुकानी पड़ी। यहां तक कि इससे हमारे सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने को भी नुकसान झेलना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हम ऐसा कोई युद्ध पाकिस्तान के अंदर नहीं लड़ेंगे।
यह बातें उन्होंने उत्तरी वजीरिस्तान में हाल ही में विलय करके बनाए गए नए जिलों की पहली यात्रा के दौरान कबायली सरदारों को संबोधित करते हुए कहीं। इस समय उनके साथ सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी थे। बता दें, यह क्षेत्र किसी समय तालिबान आतंकियों का गढ़ था।
सोमालिया: आतंकियों ने हमला कर धर्म उपदेशक समेत 17 लोगों को मार डाला अपने संबोधन में इमरान ने आतंकियों के खिलाफ सफल अभियान के लिए सेना, अन्य सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों की उपलब्धियों की प्रशांसा की। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान और उसके सशस्त्र बलों ने जितना काम किया है, उतना किसी देश ने नहीं किया।