ब्रिटेन: अश्लील पुतला बनाकर किया गया लंदन के मेयर सादिक खान का विरोध, शुरू हुआ विवाद नए विवाद की आशंका हेलीकॉप्टर विवाद के चलते भारत ने इस पुल के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रहने का फैसला किया । यही नहीं, पहले भी भारत की आपत्ति चीन की कंपनी को इस पुल के निर्माण का ठेका देने पर थी। अब भारत ने आधिकारिक रूप से इस पुल के उद्घाटन से दूर रहने का फैसला किया। मालदीव में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा गुरुवार को इस पुल के उद्घाटन में नहीं पहुंचे। पहले मालदीव की मीडिया में भर के राजदूत को न बुलाए जाने के चर्चा थी, लेकिन मालदीव सरकार की ओर से आधिकारिक बयान में कहा गया, “उन्हें सरकार की ओर से बुलाया गया था, लेकिन वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।” भारत ने इस दावे पर कोई भी आधिकारिक टिप्पड़ी करने से इंकार कर दिया है।
चीन के राष्ट्रपति थे चीफ गेस्ट मालदीव ने इस पुल के उद्घाटन में चीन के प्रसिडेंट को चीफ गेस्ट बनाया था। भारत के इस समरोह से किनारा करने के एक वजह यह भी बताई जा रही है।बता दें कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में चीनी आतिशबाजियों के बीच इस पुल का उद्घाटन किया गया। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि इस आयोजन में श्रीलंका और भूटान के राजदूत से कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया।
आयोजन स्थल पर केवल चीनी राजदूत की कार को अनुमति मालदीव में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि आयोजन स्थल पर केवल चीनी राजदूत की कार आने की अनुमति दी गई थी।संयुक्त विपक्ष के प्रवक्ता अहमद महलूफ ने ट्वीट किया, “श्रीलंका और बांग्लादेश के राजदूत इस कार्यक्रम से वापस लौट गए क्योंकि उनकी कारों को यमीन के सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया था और उनसे पैदल जाने को कहा गया।” राष्ट्रपति यमीन ने 200 मिलियन डॉलर की लागत से बने इस पुल को मालदीव के राजनयिक इतिहास की सबसे बड़ी कामयाबी बताया है।
रॉबर्ट वाड्रा: चुनावी मौसम में जमीन धोखाधड़ी मामले में FIR मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश मालदीव में बढ़ता चीनी दखल हाल के वर्षों में हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन अपने पसार रहा है। चीन ने इस क्षेत्र के देशों में बंदरगाह से लेकर सड़क बनाने में मदद कर भारतीय अधिपत्य को चुनौती दी है।