बताया जा रहा है कि बीते कई महीनों से पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी बांग्लादेश में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने की कोशिश में लगी थी। पिछले तीन महीनों में बांग्लादेश में अलग-अलग जगहों से 78 आतंकी पकड़े गए हैं। बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि पाक एजेंसी आईएसआई इन आतंकी संगठनों की आर्थिक मदद करती है। शेख हसीना ने कार्रवाई ऐसे समय पर शुरू की है जब देश में चुनाव की घोषणा हो चुकी है। बांग्लादेश सरकार के एक प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद से ही पाकिस्तान यहां अपनी नापाक हरकतें करता रहता है। अब लम्बी जद्दोजहद के बाद शेख हसीना सरकार ने आतंकी संगठनों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई शुरू की है। बता दें कि यह अभियान ऐसे समय में शुरू किया गया है जब एक महीने के बाद 23 दिसंबर को संसदीय चुनाव होने हैं।
बांग्लादेश पुलिस ने आतंकी संगठनों और कई कटटर इस्लामी एनजीओ के सदस्यों को शुक्रवार हिरासत में ले लिया। एक बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू की गई है। इस कंपनी पर इन सभी को पाकिस्तान से फंड लेने का आरोप है। सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के कई ठिकानों को ढूंढ निकाला है। सेना और पुलिस में आतंकियों के साथ सहानुभूति रखने वाले कई अफसरों पर भी नजर रखी जा रही है। स्मॉल काइंडनेस नामक एक एनजीओ के 8 कर्मचारियों को पुलिस ने आतंकियों को पैसा देने के आरोप में गिरफ्तार किया है । बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गए लोगों का संबंध प्रतिबंधित संगठन अंसार-अल-इस्लाम से है।
भारत बांग्लादेश में होने वाले घटनाक्रम पर अपने पैनी नजर बनाए हुए हैं। आपको बता दें कि हाल में ही पीएम मोदी और बांग्लादेश की पीएम हसीना की मुलाकात में भी आतंकवाद का मुद्दा उठा था। तब बांग्लादेश की पीएम ने साफ तौर पर कहा था कि कि बांग्लादेश अपनी धरती पर किसी आतंकी गतिविधि या भारत जसी मित्रों के खिलाफ क्रियाकलाप करने की इजाजत नहीं देगा। बता दें कि आतंकवाद को लेकर बांगलादेश का रुख भारत की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां भारत जम्मू-कश्मीर में सीमापार से आतंकवाद झेल रहा है दूसरी तरफ नेपाल के जरिये आतंकी आसानी से देश के उत्तरी इलाकों में घुसपैठ कर रहे हैं। ऐसे में बांग्लादेश से मिलने वाली राहत उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है।