भारत ने 8 मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी द्वारा भारत के एक प्रथम सचिव की कार को बैंक जाते समय आक्रामक तरीके से रोका गया था। नोट में पिछले कुछ दिनों के दौरान दो भारतीय अधिकारियों को मिले गुमनाम इंटरनेट कॉल प्राप्त करने का भी हवाला दिया गया है। इसके अतिरिक्त 9 मार्च को मोटरसाइकिल सवार पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों द्वारा भारतीय उप उच्चायुक्त को पूछताछ के लिए रोका गया था। 9 और 10 मार्च को नेवल एडवाइजर को पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसी के कर्मियों ने एक कार में इस्लामाबाद क्लब और दूसरे अधिकारी के निवास पर जाते समय रोका था। भारत ने अपने नोट में आगे आरोप लगाया है कि एक पाकिस्तानी एजेंसी के कर्मियों को उप उच्चायुक्त निवास के बाहर निगरानी करते हुए देखा गया है। उच्चायोग के कर्मियों को भी नियमित रूप से स्थानीय सुरक्षा गार्ड से मिलने का हुक्म दिया गया है। दूतावास के कर्मियों से उच्चायोग के अधिकारियों की उपलब्धता के बारे में भी पूछा गया।
भारत ने पाकिस्तानी अधिकारियों से कहा है कि इन घटनाओं की तत्काल जांच की जाए और संबंधित एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाए कि इसी तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि उत्पीड़न की ऐसी घटनाएं 1961 के वियना कन्वेंशन का स्पष्ट उल्लंघन हैं। भारत ने कहा है कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों, कर्मचारियों के सदस्यों और उनके परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी पाकिस्तान सरकार की है।