भारत की मौजूदगी है अहम सम्मेलन में भारत की मौजूदगी काफी अहम है क्योंकि उसने साल 2016 में यहां होने वाले दक्षेस (सार्क) शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया था। उस वक्त इसकी वजह पाकिस्तान की तरफ से लगातार आतंकवाद को समर्थन देना बताया गया था। बता दें पाकिस्तान के दहशतगर्द को पनाह दिया जाने की वजह से भारत उसके साथ द्विपक्षीय बैठक नहीं कर रहा है। कश्मीर में आतंकियों को पाक की तरफ से मदद किए जाने पर भी भारत नाराज है। इस लिहाज से भी आतंकवाद निरोधक सम्मेलन में भारत का शामिल होना महत्वपूर्ण है।
शरीफ के कबूलनामे पर घेरेगा भारत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने साल 2008 में हुए मुंबई हमले में पाकिस्तान आतंकियों के शामिल होने की बात कबूल की है। उन्होंने माना कि पाकिस्तान में आतंकी संगठन सक्रिय हैं। दुनियाभर में नवाज शरीफ के इस कबूलनामे के बाद पाकिस्तान की चौतरफा किरकिरी हुई। आतंकवाद निरोधक सम्मेलन नवाज शरीफ के बयान के बाद होने जा रहा है। भारत के पास अच्छा मौका है पाकिस्तान में नवाज शरीफ के बयान को हथियार बनाकर आतंकवाद पर उसे उसके ही घर में घेरा जाए।