नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने पठानकोट हमले में पाक सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में परवेज मुशर्रफ ने कहा कि हमारी सेना दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने की सौ प्रतिशत कोशिश कर रही है। वहीं मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे पाकिस्तान से बातचीत को लेकर गंभीर नहीं हैं, वे सिर्फ दिखावा कर रहे हैं। वहीं मुशर्रफ ने कहा कि मसूद अजहर ने मुछे मारने की कोशिश की थी। उसे घूमने के लिए फ्री नहीं छोडऩा चाहिए। बता दें कि 2003 में मसूज ने मुशर्रफ की हत्या की साजिश रची थी। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को पाकिस्तान ने कभी गिरफ्तार ही नहीं किया था। पहले पाक मीडिया ने खबर दी थी कि मसूद अजहर को गिरफ्तार कर लिया गया है, बाद में कहा गया कि उसे गिरफ्तार नहीं कर प्रोटेक्टिव कस्टडी में लिया गया है। पाकिस्तान ने भी अजहर की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की थी। गुप्त सूचनाओं के अनुसार जैश के जो तीन ऑपरेटिव भी हिरासत में लिए गए हैं, उन्हें पठानकोट हमले नहीं बल्कि जैश के प्रतिबंधित साहित्य के मामले में कार्रवाई की गई थी। यह बात ऐसे समय में सामने आई है, जब मोदी सरकार पाक के साथ विदेश सचिव स्तरीय बातचीत पर आगे बढऩे के लिए सोच रही है।मीडिया में गिरफ्तारी की खबर आने के तुरंत बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कानून मंत्री राना सनाउल्लाह का एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अजहर को गिरफ्तार नहीं किया वरन प्रोटेक्टिव कस्टडी में लिया गया है। उन्होंने साफ किया था कि जैश चीफ को गिरफ्तार नहीं किया है और ऐसा कदम तभी उठाया जाएगा जब उसकी पठानकोट हमले में भूमिका की पुष्टि हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि पठानकोट हमले में देश के सात जवान शहीद हो गए थे जबकि छह आतंकी मारे गए थे।