किम जोंग-उन ने दिया आदेश, ‘नहीं होंगी शादियां और फ्यूनरल’
Published: May 02, 2016 12:49:00 pm
जब किम जोंग-उन पैदा भी नहीं हुए थे, देश उस समय भी एक ऐसे ही पर्व में शामिल हुआ था
प्योंगयांग। ‘उत्तर कोरिया में वह एक सम्राट हैं, उनकी प्रजा उनके लिए तब तक ताली बजाती है जब तक हाथ छिल न जाएं। बाहर की दुनिया में भले ही उन्हें तानाशाह या राक्षस कहकर पुकारा जाता हो पर वह वहां के सर्वोच्च नेता हैं, जिनको भगवान सरीखे माना जाता है।’ जी हां, बात किम जोंग-उन की ही हो रही है। जिनका इस हफ्ते राज्याभिषेक होने जा रहा है लेकिन इसकी मार वहां की जनता पर पड़ेगी।
दरअसल, राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाए जा रहे राज्याभिषेक समारोह को लेकर सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों के तहत सप्ताह भर तक देश में किसी भी प्रकार का समारोह नहीं होगा। इस दौरान न तो शादी समारोह की इजाजत दी गई है नाहीं किसी भी तरह की उत्सव की। इतना ही नहीं हफ्ते भर तक लोग अपनों का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाएंगे।
समारोह का उद्देश्य
हालांकि, पिछले चार सालों से उन्हें देश के सुप्रीम लीडर के रूप में जाना जाता है पर अब वे सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी में प्रमुख की भूमिका को औपचारिक रूप देने जा रहे हैं। माना यह जा रहा है कि 33 वर्षीय किम अपने पद को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एक अभेद्य स्थिति पाना चाहते हैं।
मिलिट्री फर्स्ट नीति
किम जोंग-उन की नीति अपने ही पिता की तरह है। उन्होंने भी ‘मिलिट्री फस्र्ट पॉलिसीÓ को प्राथमिकता दी। 12 जनवरी 2016 को उन्होंने अपने भाषण में साफ कहा था कि परमाणु हथियारों का जखीरा आर्थिक विकास की तरह ही जारी रहना चाहिए।
1980 में हुआ था ऐसा समारोह
जब किम जोंग-उन पैदा भी नहीं हुए थे, देश उस समय भी एक ऐसे ही पर्व में शामिल हुआ था।1980 में उनके पिता किम जोंग-2 का राज्याभिषेक भी कुछ इसी अंदाज में हुआ था। 2011 में उनकी मृत्यु के बाद कुछ लोगों ने दावा किया कि देश की सत्ता अब कमजोर पड़ जाएगी क्योंकि किम जोंग-उन में राजनीतिक समझ कम है। लेकिन किम जोंग-उन ने जब सत्ता संभाली तो सबसे पहले उन्हीं विरोधियों की जुबान बंद की। अधिकतर विरोधियों को या तो मरवा दिया गया या वे देश छोडऩे पर मजबूर हो गए।