काठमांडू। अगर समय पर एंबुलेंस आती तो शायद बच जाते नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला। यह कहना है डॉक्टरों का। वक्त पर एंबुलेंस ना बुला पाने की वजह से नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री सुशील कोइराला को अस्पताल नहीं ले जाया सका।
दिवंगत नेता की बीमारी से निपटने के तरीके को लेकर जारी आलोचनाओं के बीच उनके व्यक्तिगत चिकित्सक ने यह दावा किया। कोइराला के व्यक्तिगत चिकित्सक कबीरनाथ योगी ने कहा कि उन्होंने कोइराला के घर के पास स्थित अस्पतालों में से एक त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल में एंबुलेंस के लिए 13 बार फोन लगाया था, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि कोइराला के घर नि:संदेह दूसरे वाहन थे। लेकिन ऑक्सीजन के बिना उन्हें इस तरह के वाहनों पर ले जाना जोखिम भरा होता। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष का बुधवार तड़के निधन हो गया था। उनकी उम्र 79 साल थी। योगी ने मीडिया में आई उन खबरों की भी पुष्टि कि सोमवार सुबह से कोइराला के लिए अस्पताल में बेड आरक्षित था।
हालांकि योगी ने कहा कि कोइराला के स्वास्थ्य में धीरे-धीरे सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाने की योजना टाल दी गई। नेपाल के प्रमुख अखबारों ने कोइराला की मौत और उनकी खराब तबीयत से निपटने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं जिसके आलोक में डॉक्टर की यह टिप्पणियां आई है।
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